चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो बड़े इंटर-स्टेट ड्रग रैकेट्स का भंडाफोड़ किया है. दोनों मामलों में कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस ने 8.15 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय मार्केट वैल्यू वाली ड्रग्स जब्त की हैं. बरामद सामान में 1.2 किलो कोकीन, 476 ग्राम हेरोइन, 2.01 ग्राम ICE, करीब 26 लाख रुपये कैश, सोना-चांदी, 6 QR स्कैनर, नोट काउंटिंग मशीन और 5 गाड़ियां शामिल हैं. ये पूरा ऑपरेशन SP क्राइम जसबीर सिंह की अगवाई में किया गया.
कैसे मिली पुलिस को सफलता
पहले केस की शुरुआत एक सीक्रेट इनफॉर्मेशन से हुई. ASI भूपिंदर सिंह की टीम ने सेक्टर-40 में दबिश दी और अश्वनी उर्फ आशु को पकड़ लिया. आशु के पास से 47.80 ग्राम हेरोइन मिली. इसी से पहला ड्रग नेटवर्क सामने आया. आशु की गिरफ्तारी ने पूरी चेन खोल दी और पुलिस ने एक-एक करके सभी को पकड़ना शुरू कर दिया और उनके पास से ड्रग्स बरामद की ,जिनमें
सोनू उर्फ कालू उर्फ डॉन
- 100.60 ग्राम हेरोइन और 2.01 ग्राम ICE
सलमान उर्फ मुन्ना
- 16.90 ग्राम हेरोइन
सुनील उर्फ दर्जी
- 21.45 ग्राम हेरोइन
अनूप
- 10.26 ग्राम हेरोइन, 12.59 ग्राम क्रैक बॉल्स, 23,500 रुपए
बंटी (मुख्य सप्लायर)
- 1013 ग्राम कोकीन
- 20.64 लाख रुपये नकद
- सोना-चांदी के गहने
- ब्लैक कलर की डस्टर कार
गैंग का तरीका
आशु, सुनील और सलमान जैसे छोटे पेडलर सोनू कालू से हेरोइन खरीदकर ट्राइसिटी में बेचते थे. पूरा नेटवर्क बंटी के जरिए चलता था. बंटी दिल्ली के उत्तम नगर से कोकीन मंगवाता था. कुछ सिंथेटिक ड्रग्स वह दिल्ली में रह रहे अफ्रीकी नागरिकों से लेता था. सारा सामान चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में बेचने के लिए अलग-अलग स्तर के पेडलर बने हुए थे.
इसी तरह दूसरी कार्रवाई भी सीक्रेट सूचना के आधार पर हुई. SI दलजीत सिंह की टीम ने सेक्टर-25 में कार्रवाई करते हुए दो युवकों को पकड़ा. जिनमें
- राहुल (23 साल) – 109.56 ग्राम कोकीन, 3 लाख रुपये नकद, सोना-चांदी, 5 QR स्कैनर बरामद
- अरुण कुमार (32 साल) – 36.80 ग्राम कोकीन, XUV 700 कार, नोट काउंटिंग मशीन, गहने बरामद
इन दोनों से पूछताछ में एक और बड़ा नेटवर्क निकलकर सामने आया. उसके बाद 4 और आरोपी गिरफ्तार किए गए. जिनमें
- इंदरजीत सिंह उर्फ रोहित – 15,000 रुपये बरामद
- टिंकू – 2 लाख रुपये बरामद
- आकाश – 10.37 ग्राम हेरोइन + 29.48 ग्राम कोकीन (54 बॉल्स) बरामद
- विशाल – 269 ग्राम हेरोइन बरामद
इस केस में कुल 184 ग्राम कोकीन, 279 ग्राम हेरोइन, और 5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए.
गैंग का तरीका
अरुण इस नेटवर्क का मुख्य ऑपरेटर था. ड्रग्स दिल्ली से मंगाता था.राहुल, अरुण का दोस्त, ड्रग्स को छोटे-छोटे पैकेट बनाकर बेचता था.वह डिलिवरी करने के लिए “ड्रॉप पॉइंट” बनाता था जैसे सड़क के किनारे माइलस्टोन, किसी कोने में बैग, और लोकेशन साथ में भेज देता. आकाश पैसे और UPI ट्रांजैक्शन का पूरा हिसाब देखता था.इंदरजीत, अरुण और पंजाब के एक सप्लायर “गिल” के बीच कड़ी था. विशाल पंजाब से बड़ी मात्रा में हेरोइन लाता और अरुण तक पहुंचाता था.
आरोपियों की प्रोफाइल
- आशु: पहले भी NDPS केस में पकड़ा जा चुका है.
- सोनू कालू: जूते पॉलिश और छोटे-मोटे काम करता था, पैसों की जरूरत में ड्रग्स बेचने लगा.
- सलमान: सिर्फ 19 साल का, पहले भी एक NDPS केस में पकड़ा गया.
- सुनील दर्जी: पहले सनग्लास बेचता था, बाद में नशे की दुनिया में आया.
- अनूप: मोबाइल रिपेयर की दुकान में काम, पैसों की जरूरत में ड्रग सप्लाई करता था.
- बंटी: दिल्ली में चून्नी बेचता था, धीरे-धीरे बड़े स्तर का सप्लायर बन गया.
- राहुल: डोर-मैट बेचता था, पैसों की जरूरत में ड्रॉप-पॉइंट वाला नेटवर्क चलाता था.
- अरुण कुमार: पूरा नेटवर्क चलाने वाला, UPI और बैंक अकाउंट्स से पैसा घुमाता था.
- इंदरजीत: पहले सेल्समैन, फिर साले अरुण के कहने पर ड्रग सप्लाई में जुड़ा.
- टिंकू: केमिस्ट शॉप और वेडिंग इवेंट में काम करता था, बाद में इस धंधे में आया.
- आकाश: पैसों का मैनेजर—पेमेंट, UPI, डिलीवरी सब संभालता था.
- विशाल: फार्मेसी ग्रेजुएट, पंजाब से हेरोइन लाता और सप्लाई करता था.
गिरोह के बाकी नेटवर्क की तलाश जारी है. कई सप्लायर और फाइनेंसरों के बारे में जानकारी मिली है. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी हो सकती है. इस ऑपरेशन ने ट्राइसिटी में सक्रिय दो बड़े ड्रग सिंडिकेट्स का सफाया कर दिया है.














