लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पीएम मोदी आज तमिलनाडु दौरे (PM Modi In Tamil Nadu) पर हैं. पीएम मोदी की कोशिश दक्षिणी राज्य में बीजेपी को फिर से जिंदा करने की है, यहां पर पार्टी का वोट शेयर सिर्फ 3 प्रतिशत है. एआईएडीएमके के गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में कोई बड़ा सहयोगी नहीं है. राज्य में DMK और AIADMK दोनों ही दल बीजेपी से दूरी बनाए हुए हैं. अब तक सिर्फ तमिल मनीला कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख जीके वासन ने ही बीजेपी से हाथ मिलाया है. संकेत ये भी हैं कि पुथिया थमिझागम और कुछ अन्य छोटे सहयोगी डीएमके खेमे से जाने पर विचार कर रहे हैं. AIADMK से निष्कासित नेता ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस), शशिकला और टीटीवी दिनाकरण की भी बीजेपी में शामिल होने की संभावना तेज हैं.
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तमिलनाडु में आज पीएम मोदी की रैली
पीएम मोदी आज दोपहर को तिरुपुर जिले के पल्लदम में एक रैली को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी के इस दौरे को बीजेपी राज्य इकाई प्रमुख के अन्नामलाई की तमिलनाडु की सभी 233 विधानसभा सीटों को छूने वाली पदयात्रा के समापन के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है. श्री अन्नामलाई ने एनडीटीवी से कहा कि "भूल जाओ कि तब और अब हमारे साथ कौन था. जब हमने रैली शुरू की थी, तो यह बीजेपी की रैली थी; इसने अब जन आंदोलन का रूप ले लिया है, आने वाले महीनों में और भी पार्टियां जुड़ेंगी और पीएम मोदी के हाथों को मजबूत करेंगी.''
जीके वासन ने एनडीटीवी से कहा, ''हमारी राष्ट्रीय दृष्टिकोण वाली एक क्षेत्रीय पार्टी है और हमें भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने और देश की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी के हाथों को मजबूत करने की जरूरत है.'' बीजेपी को 2019 के चुनावों में द्रविड़ों के गढ़ में सफलता हासिल नहीं हो सकी थी, अब वह एक बार फिर से भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति के मुद्दों पर सत्तारूढ़ DMK को घेर रही है.
DMK और BJP के बीच इन मुद्दों पर मुकाबला
DMK, अब INDIA गठबंधन का हिस्सा है, इसे साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 39 में से 38 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, इसने अपने गठबंधन को बरकरार रखा है. वह राज्यों के अधिकारों को हड़पने, बाढ़ से तबाह चेन्नई और तूतीकोरिन को विशेष राहत पैकेज न देने, महंगाई और दक्षिणी राज्यों के प्रति वित्तीय भेदभाव जैसे मुद्दों पर बीजेपी से मुकाबला कर रही है.
AIADMK, ने पिछली बार सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की थी और बीजेपी के साथ लड़ने वाले दोनों चुनाव हार गई थी, पहली बार एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) के नेतृत्व में लड़ रही है. इन चुनौतियों के बीच, पीएम मोदी की रैली पर सबकी नजर है, कि क्या वह तमिलनाडु की लंबे समय से चली आ रही NEET छूट की मांग के अलावा राज्य को पर्याप्त वित्तीय और राहत पैकेज देने के लिए अपनी तमिल समर्थक बयानबाजी से आगे और क्या बातें कहेंगे.