कोरिया के वर्ल्ड हैपकिडो फेडरेशन की अगुवाई में 1 अगस्त से 4 अगस्त तक थाइलैंड के नन्थुबुरी में हैपकिडो फेडरेशन ऑफ थाईलैंड द्वारा एक विश्व आईएचएफ हैपकिडो चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. इस चैंपियनशिप में 10 से अधिक देशों के कुल 837 एथलीटों ने भाग लिया था. जिन देशों के एथलीटों मे हिस्सा लिया था, उनमें ब्राजील, अमेरिका, इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, भारत जैसे देश शामिल थे.
इस चैंपियनशिप में आठ भारतीय खिलाड़ियों से हिस्सा लिया था. भारतीय दल में खिलाड़ियों के अलावा टीम मैनेजर मास्टर विनोद वत्स, टीम कोच रविंदर पाल सिंह शामिल थे. जिन खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, उनमें रविंदर पाल सिंह - पुरुष डैन सीनियर फ्री वेट, विनोद वत्स - पुरुष डैन सीनियर + 85 किलोग्राम, हार्दिक सोलंकी - पुरुष डैन सीनियर 75 किलोग्राम से कम, ईशा पांडे - महिला डैन सीनियर 50 किलोग्राम से कम, नैन्सी वत्स - महिला कलर बेल्ट सीनियर 50 किलोग्राम से कम, जयंत दुआ - पुरुष कलर बेल्ट सीनियर 65 किलोग्राम से कम, यश वत्स - पुरुष कलर बेल्ट सीनियर 50 किलोग्राम से कम किलोग्राम, युगदीप सिंह ऋषि - 10 वर्ष से कम आयु के पुरुष रंग बेल्ट +45 किलोग्राम ने हिस्सा लिया था.
इस चैंपियनशिप में सभी भारतीय एथलीटों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और दो खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद पोडियम स्थान प्राप्त किया. भारतीय टीम को इस चैंपियनशिप में 6 पदक मिले. जिन खिलाड़ियों ने पदक जीता, उनमें जयंत दुआ को स्वर्ण, यश वत्स और युगदीप सिंह ऋषि को रजत, ईशा पांडे, रविंदर पाल सिंह और विनोद वत्स को क्रमशः कांस्य पदक मिला. भारत पदक तालिका में 20वें स्थान पर रहा.