WFI Suspension: अब बृजभूषण शरण सिंह के नजदीकी संजय सिंह ने लिया यह फैसला

डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय ने कहा, ‘‘साफ है कि उन्हें (बजरंग, विनेश और साक्षी) कांग्रेस और वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त है. ये तीनों इन राजनीतिक दलों के हिसाब से चल रहे हैं.’

विज्ञापन
Read Time: 17 mins
नई दिल्ली:

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि खेल मंत्रालय ने कुश्ती की राष्ट्रीय संस्था को निलंबित करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और वे सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. खेल मंत्रालय ने रविवार को डब्ल्यूएफआई को चुनाव के तीन दिन बाद निलंबित कर दिया था कि उसने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की घोषणा समेत कुछ फैसले करने में अपने ही संविधान का उल्लघंन किया था.  संजय ने हालांकि कहा कि सरकार WFI का पक्ष सुने बिना उनकी स्वायत्त और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी संस्था को निलंबित नहीं कर सकती.

यह भी पढ़ें:

IND vs SA 1st Test: "जब मैं कोच था तब...", रवि शास्त्री ने बताया रोहित के किस फैसले से टीम इंडिया को हुई मुश्किल

संजय ने कहा, ‘हमने लोकतांत्रिक तरीके से डब्ल्यूएफआई के चुनाव जीते. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश निर्वाचन अधिकारी थे, इसमें भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और यूनाईटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्य) के भी पर्यवेक्षक थे. चुनावों में 22 राज्य इकाईयों (25 राज्य संघ में से तीन अनुपस्थित थे) ने हिस्सा लिया था, 47 वोट मिले थे जिसमें से मुझे 40 मिले थे.'

उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद अगर हमें निलंबित कर दिया जाता है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी संस्था को अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया गया जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है जबकि भारतीय संविधान के अंतर्गत हर कोई इसका हकदार होता है.' डब्ल्यूएफआई के लिए अगला कदम क्या होता तो उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई एक स्वायत्त संस्था है और सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. हम सरकार से बात करेंगे और अगर सरकार निलंबन वापस नहीं लेती है तो हम कानूनी राय लेंगे और अदालत का रुख करेंगे.'

Advertisement

संजय ने कहा कि क्योंकि डब्ल्यूएफआई निलंबन का विरोध कर रहा है तो वह आईओए द्वारा गठित तीन सदस्यीय तदर्थ समिति को स्वीकार नहीं करते. बुधवार को आईओए ने डब्ल्यूएफआई का कामकाज देखने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी. संजय ने साथ ही कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया से मिलने के लिए हरियाणा के अखाड़े में पहुंचने से स्पष्ट हो गया कि तिकड़ी (बजरंग, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक) राजनीति कर रही है।

डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय ने कहा, ‘‘साफ है कि उन्हें (बजरंग, विनेश और साक्षी) कांग्रेस और वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त है. ये तीनों इन राजनीतिक दलों के हिसाब से चल रहे हैं.' उन्होंने कहा, ‘आप मुझे कोई चौथा पहलवान बतायें जो डब्ल्यूएफआई का विरोध कर रहा हो। ये तीनों नहीं चाहते कि जूनियर पहलवान आगे बढ़ें, ये जूनियर पहलवानों का अधिकार छीनना चाहते हैं.' संजय बोले ‘बजरंग हांगझोउ एशियाड में ट्रायल्स में हिस्सा लिये बिना गया था और वह 0-10 से हारकर वापस आया। ये कुश्ती नहीं कर रहे, ये राजनीति कर रहे हैं। अगर आप कुश्ती के बारे में चिंतित हो तो आगे आओ, रास्ता आपके लिये साफ है। लेकिन अगर आप राजनीति करना चाहते हो तो खुले में करो.'

Advertisement

संजय ने बजरंग के पद्मश्री फुटपाथ पर छोड़कर जाने के बारे में कहा, ‘यह निजी मामला हो सकता है, लेकिन खेल रत्न से देश की भावनायें जुड़ी हैं, यह एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे समाज का होता है. पद्मश्री ऐसी चीज नहीं है जो सड़क पर रख दिया जाये.' संजय के डब्ल्यूएफआई प्रमुख चुने जाने के बाद साक्षी ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था जबकि बजरंग ने अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया था. विनेश ने भी अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस कर दिया था.
 

Featured Video Of The Day
Mokama Murder Case Update: Bihar Elections से पहले फंसे Anant Singh? | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article