Tokyo Olympics: अदिति अशोक मेडल से चूकीं, फिर भी किया कमाल, जानें गोल्फर के बारे में पूरी डिटेल्स

भारतीय गोल्फर अदिति अशोक (Aditi Ashok) टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मेडल जीतने से एक शॉट से रह गईं और चौथे नंबर पर रही.

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भारतीय गोल्फर अदिति अशोक दिला सकती हैं मेडल

भारतीय गोल्फर अदिति अशोक (Aditi Ashok) टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मेडल जीतने से एक शॉट से रह गईं और चौथे नंबर पर रही. ओलंपिक में मेडल चूकने के बाद भी भारत की गोल्फर ने एक नया इतिहास रच दिया है. इस मुकाबले में अदिति 15 अंडर 269 स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहीं. मेडल से चूकने के बाद भी गोल्फर अदिति ने पूरे भारत में गोल्फ को लेकर एक नई उत्साह जरूर पैदा कर दी है. बता दें कि गोल्फ के आखिरी राउंड में अदिति पिछड़ गई. भारतीय महिला गोल्फर 13वें होल तक दूसरे स्थान पर चल रही थीं लेकिन आखिरी पांच होल में वह जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया से पिछड़ गईं. आखिर में अदिति को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा है.

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5 साल की उम्र से ही शुरू हुआ गोल्फ का सफर
5 साल की उम्र में पहली बार अदिति (Indian golfer Aditi Ashok) ने गोल्फ मैच को देखा था. कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन के रेस्तराँ में परिवार के साथ नाश्ता करते समय अदिति की नजर गोल्फ खेलते खिलाड़ियों पर गई थी. गोल्फ खेल को देखकर अदिति के मन में भी इसे खेलने की रूचि जागी. गोल्फ कोर्स में लोगों को बॅाल हिट करते हुए देख अदिती काफी रोमांचित हो रही थी. जिसे देखकर उनके पिता अशोक ने अपनी बेटी को यही खेल खेलने के लिए कहा. इसके बाद अदिति के पिता ने उन्हें 5 साल की उम्र से ही गोल्फ क्लब पकड़ा दी. यहां से अदिति का सफर गोल्फ के लिए शुरू हुआ.

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9 साल की उम्र में ही जीता पहला टूर्नामेंट
अदिति केवल 9 साल की थी तभी उन्होंने अपना पहला टूर्नामेंट जीत लिया था. 12 वर्ष की आयु में वे राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनी. उस दौरान लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग टूर्नामेंट्स नहीं होते थे. इसके बाद भी अदिति ने अपने रास्ते में आने वाली हर बाधा को पार किया. अदिति ने काफी कम समय में अपनी पहचान बना ली. उन्होंने अपने शुरूआती दौर में 17 टूर्नामेंट्स जीतते हुए गजब का परफॉर्मेंस किया और भारत की बेस्ट गोल्फर बनने की ओर अग्रसर हो गईं. एशियन यूथ गेम्स में भाग लेने वाली वह एकमात्र भारतीय गोल्फर हैं. उन्होंने युथ ओलंपिक गेम्स और एशियन गेम्स में भी भाग लिया है.

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ओलंपिक में सबसे कम उम्र की भाग लेने वाली गोल्फर
टोक्यो 2020 (Tokyo Olympics) अदिति अशोक के लिए पहला ओलंपिक खेल नहीं है, भारतीय गोल्फर ने 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था. रियो ओलंपिक में जब अदिति अशोक ने गोल्फ कोर्स पर कदम रखा तो उन्होंने इतिहास बनाया. वो 18 साल की उम्र में ओलंपिक गोल्फ मैदान में उतरने वाली पुरुष और महिला दोनों वर्गों में सबसे कम उम्र की गोल्फर बनी और इसके साथ-साथ ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला गोल्फर भी बन गई थीं. 

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अदिति अशोक लेडीज यूरोपियन टूर का लल्ला आइचा टूर स्कूल जीतने वाली सबसे कम उम्र की गोल्फर
अदिति लल्ला आइचा टूर स्कूल का खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र की और पहली भारतीय महिला गोल्फर हैं. उनकी इस जीत ने उन्हें 2016 सीज़न के लिए लेडीज यूरोपियन टूर कार्ड दिलाया था. 17 साल की उम्र में,अदिति अशोक ने मोरक्को में लेडीज यूरोपियन टूर का लल्ला आइचा टूर स्कूल जीतकर एक और इतिहास रचा. यह जीत अदिति को उस समय मिली थी जब वो हाई स्कूल में ही थी.

जब अदिति के पिता बने थे उनके कैडी, इस बार मां हैं साथ
अदिति ने 2016 में ओलंपिक में कदम रखते ही इतिहास रच दिया था. अदिती के पिता ने ही उन्हें गोल्फ में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया था. ऐसे में जब अदिति ओलंपिक खेलने के लिए रियो गईं थी तो उन्होंने अपने पिता को भी साथ चलने को कहा. रियो ओलंपिक के दौरान अदिति के पिता उनके कैडी थे. यानि अशोक अपनी बेटी का बैग गोल्फ कोर्स में उठाया करते थे. एक इंटरव्यू में अदिति के पिता ने उस दौरान कहा था कि 'मैं उसके खेल के दौरान सिर्फ उसका बैग पकड़ता था. बाकी काम मेरी बेटी करती थी.' अब 2020 के ओलंपिक में अदिति की मां कैडी की भूमिका में नजर आ रहीं हैं.

अदिति अशोक 2016 रूकी ऑफ द ईयर बनीं
अदिति अशोक 2016 में अपने प्रभावशाली सीज़न के बाद लेडीज़ यूरोपियन टूर 'रूकी ऑफ़ द ईयर' पुरस्कार की विजेता बनीं. अदिति अपने पहले वर्ष में लगातार दो खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बनीं. उन्होंने यह खिताब जीतने के लिए स्पेन की नुरिया इटुरियोस को हराया था. रियो ओलंपिक में गोल्फ में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद, अदिति अशोक ने इंडियन ओपन और कतर लेडीज ओपन में दो खिताब जीतने का कमाल भी किया. इसके बाद 2017 में वो भारत की पहली महिला पेशेवर गोल्फ एसोसिएशन (LPGA) खिलाड़ी बनीं और लुईस सुग्स रूकी ऑफ द ईयर स्टैंडिंग में आठवें स्थान पर रहने में सफल रहीं. 

अदिति अशोक भारत की पहली एलपीजीए खिलाड़ी हैं
लेडीज प्रोफेशनल गोल्फ एसोसिएशन है, यह महिला गोल्फरों के लिए एक अमेरिकी संगठन है. अदिति अशोक को भारत की पहली एलपीजीए खिलाड़ी होने का गौरव प्राप्त है. उन्होंने यह उपलब्धि 2017 में हासिल की थी.

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