Tokyo Olympic 2020: इस वजह से राष्ट्रीय खेल पुरस्कार चयन प्रक्रिया में होगी देरी

अर्जुन पुरस्कार की इनामी राशि को पांच लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है. द्रोणाचार्य (जीवन पर्यंत उपलब्धि) पुरस्कार के लिए भी पहले के पांच लाख की जगह 15 लाख रुपये दिए जाएंगे. द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार विजेताओं को भी पांच लाख की जगह अब 10 लाख रुपये की इनामी राशि मिलेगी.

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खेलों की प्रतिकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेताओं के चयन की प्रक्रिया को इस साल ओलिंपिक खेलों के बाद तक स्थगित किया जा सकता है जिससे कि तोक्यो खेलों के पदक विजेताओं के नाम पर भी चयन पैनल विचार कर सके. अभी चयन पैनल का भी गठन नहीं किया गया है. ये पुरस्कार हर साल देश के राष्ट्रपति 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर देते हैं जो महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती भी है. ओलिंपिक का आयोजन 23 जुलाई से आठ अगस्त तक किया जाएगा. खेल मंत्रालय के एक बताया, ‘हमें पहले ही इस साल के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए नामांकन मिल गए हैं. फिलहाल नामांकन की तारीख निकल चुकी है, लेकिन हमारी पिछली बैठक में हमने इस साल के पुरस्कारों के लिए ओलिंपिक पदक विजेताओं के नाम पर विचार करने पर चर्चा की थी, अगर कोई पदक जीतता है तो.' उन्होंने कहा, ‘ओलिंपिक आठ अगस्त को खत्म होंगे इसलिए पुरस्कार विजेताओं के चयन की प्रक्रिया में विलंब हो सकता है.'

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ओलिंपिक आठ अगस्त को खत्म होंगे और अगर चयन पैनल खेलों के खत्म होने के 10 दिन के भीतर नामों को अंतिम रूप नहीं देता है तो वैसे भी समारोह में विलंब होगा. सूत्र ने कहा, ‘इस मुद्दे पर हम जल्द ही अंतिम फैसला करेंगे. इस पर फैसला करने के लिए हमने ओलिंपिक के तुरंत बाद एक और बैठक की योजना बनाई है. अगर हमारा कोई खिलाड़ी ओलिंपिक पदक जीतता है तो निश्चित तौर पर उसके नाम पर विचार होगा.'

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उन्होंने कहा, ‘अगर हम ओलिंपिक में बाद एक हफ्ते या 10 दिन के भीतर बैठक का आयोजन कर पाए तो पुरस्कार 29 अगस्त को दिए जाएंगे, नहीं तो इसमे कुछ दिन का विलंब हो सकता है.' कोविड-19 महामारी के बीच कड़े स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों के बीच होने वाले ओलिंपिक खेलों में भारत के 120 से अधिक खिलाड़ी पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे. खेलों के दौरान दर्शकों को स्टेडियम में आने की स्वीकृति नहीं होगी.

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दो बार विस्तार के बाद राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के नामांकन की प्रक्रिया पांच जुलाई को खत्म हुई. महामारी को देखते हुए आवेदकों को स्व-नामांकन की स्वीकृति दी गई जबकि राष्ट्रीय महासंघों ने भी अपनी प्राथमिकताएं भेजी. पिछले साल इन पुरस्कारों की इनामी राशि में इजाफा किया गया था. राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेता को अब 25 लाख रुपये मिलते हैं जबकि पहले यह राशि साढ़े सात लाख रुपये थी.

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अर्जुन पुरस्कार की इनामी राशि को पांच लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है. द्रोणाचार्य (जीवन पर्यंत उपलब्धि) पुरस्कार के लिए भी पहले के पांच लाख की जगह 15 लाख रुपये दिए जाएंगे. द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार विजेताओं को भी पांच लाख की जगह अब 10 लाख रुपये की इनामी राशि मिलेगी. महामारी के कारण पिछले साल पुरस्कार समारोह का आयोजन आनलाइन किया गया था.

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