अलग अलग तरह की संस्कृतियों और विविध जातियों वाले असम को एक सूत्र में जोड़ने वाला जरिया बन गई है लवलीना बोरगोहेन. इसका नजारा राज्य भर में तोक्यो ओलिंपिक में इस युवा मुक्केबाज की पदक उपलब्धि का जश्न मनाने के दौरान दिखा.असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सर्मा ने राज्य की ‘बेटी'को खेलों से पहले शुभकामना देने के लिये एक साइकिल रैली को हरी झंडी दी, जिसके कुछ दिनों बाद हर तरफ लोग खेल के सबसे बड़े मंच पर लवलीना की ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में चर्चा कर रहे थे और इसका जश्न मना रहे थे.
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राज्य के विधानसभा सदस्य दिपायान चक्रवर्ती सिलचर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतनिधित्व करते हैं. वह मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गयी रैली का हिस्सा थे. जब 23 साल की लवलीना के देश के लिये दूसरा पदक पक्का करने की खबर आयी तो वह भी राज्य के निवासियों की तरह बहुत खुश थे. उन्होंने कहा, 'यह हमारे, पूरे राज्य और पूरे देश के लिये बहुत बड़ी चीज है. हम सभी के लिये गौरव का क्षण है. मैं बहुत सकारात्मक हूं कि उसका सफर अभी जारी रहेगा और वह ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतेगी.'
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लवलीना के तोक्यो में पहले मुकाबले से पहले सभी जिला खेल संघों ने अपनी मुक्केबाज को शुभकामना देने के लिये तेल का दीया जलाया था. असम ओलिंपिक समिति ने लवलीना के खेल में अपनी भूमिका अदा की है. समिति के महासचिव लख्य कंवर ने कहा, 'हमने जितना कर सकते थे, हमने वह सब करने की कोशिश की. पिछले चार-पांच वर्षों से वह काफी मेहनत कर रही थी और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ और असम मुक्केबाजी संघ भी मुक्केबाजों का काफी सहयोग कर रहे हैं. कंवर इस मुकाबले को नहीं देख सके क्योंकि वह गुरूवार की रात ही तोक्यो से लौटे लेकिन यह अधिकारी खुश था कि समिति लवलीना के खेल विकास में कुछ योगदान कर सकी, जिसमें लॉकडाउन के दौरान 25 लाख रुपये देना शामिल है.
VIDEO: पदक सुनिश्चित करने के बाद लवलीना के घर पर जश्न का माहौल है.