Paris 2024 Olympics, Day 9: हॉकी टीम पहुंची सेमीफाइनल में तो 'गोल्ड के लक्ष्य' से चुके लक्ष्य सेन, जानिए कैसा रहा आज भारत का प्रदर्शन

Paris 2024 Olympics, Day 9: भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक के नौवें दिन सेमीफाइनल में जगह बनाकर मेडल की उम्मीद जगाई तो लक्ष्य सेन पेरिस में गोल्ड से चूक गए और उन्हें सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा.

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Paris 2024 Olympics, Day 9: 'गोल्ड के लक्ष्य' से चुके लक्ष्य सेन, जानिए कैसा रहा आज भारत का प्रदर्शन

भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक के नौवें दिन सेमीफाइनल में जगह बनाकर मेडल की उम्मीद जगाई तो लक्ष्य सेन पेरिस में गोल्ड से चूक गए और उन्हें सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा. वहीं मुक्केबाज लवलीना बोरहोगेन को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा, जिससे भारत के हाथों से एक और पदक फिसल गया. इसके अलावा शूटिंग में भी भारत को निराशा हाथ लगी क्योंकि महेश्वरी चौहान, जो एक समय स्कीट वुमेंस क्वालिफिशन में अच्छा प्रदर्शन कर रहीं थीं, वो दिन के अंत तक फाइनल की रेस से बाहर हो गईं और अगले दौर के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं.

भारतीय हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुंची

भारत ने ग्रेट-ब्रिटेन को पेरिस ओलंपिक की हॉकी प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में रविवार को शूटआउट में 4-2 से हरा कर सेमीफाइनल में जगह बनाई. निर्धारित 60 मिनट तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर रहीं. इसके बाद शूटआउट के जरिए विजेता का फैसला हुआ. पीआर श्रीजेश एक बार फिर दीवार बनकर सामने खड़े रहे और उन्होंने अपनी  गोलकीपिंग से टीम की जीत दिलाई.

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शूटआउट में भारत ने अपने चार निशाने साधे, जबकि ग्रेट-ब्रिटेन दो निशाने ही लगा पाया. पिछले टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले भारत ने इस जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली है. जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ी और समर्थक खुशी से झूम उठे. 1972 म्यूनिख ओलंपिक के बाद यह पहला मौका जब भारत लगातार दो ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचा है.

मैच के पहले 15 मिनट गोलरहित रहे. दोनों ही टीमों ने एक दूसरे को कड़ी टक्कर दी. इसके बाद मैच के दूसरे क्वार्टर में भारतीय हॉकी टीम ने धांसू वापसी की है. कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल करके भारत को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 1-0 से आगे कर दिया. हालांकि, ये बढ़त ज्यादा देर तक भारत के पक्ष में नहीं रही और ली मोर्टन ने गोल करके ग्रेट ब्रिटेन को 1-1 की बराबरी दिला दी. हाफटाइम तक स्कोर 1-1 से बराबरी पर रहा और अंत तक दोनों ही टीमें स्कोर आगे बढ़ाने में सफल नहीं रही. यह मैच इसलिए भी यादगार रहा क्योंकि टीम ने 43 मिनट तक खेल, एक खिलाड़ी के कम रहते खेला.

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अमित रोहितदास को इस मुकाबले के 17वें मिनट में रेड कॉर्ड दिखाया गया. ये भारतीय टीम के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि मैच के पहले क्वार्टर के बाद से ही टीम के एक मुख्य खिलाड़ी को बाहर बैठना पड़ा और फिर भारतीय टीम ने 10 खिलाड़ियों से खेलने के बावजूद शूटऑउट में जीत दर्ज की.

अमित की स्टिक विल कैललन के चेहरे पर लगी थी, ऐसे में जर्मनी के वीडियो अंपायर का मानना था कि अमित ने जानबूझकर ऐसा किया है. ऐसे में मैदानी अंपायर ने वीडियो अंपायर की सलाह पर अमित को रेड कार्ड दिखा दिया. लेकिन भारतीय खिलाड़ियों का मानना था कि ये जानबूझकर नहीं हुआ है. वीडियो अंपायर यदि येलो कार्ड देते तो ज्यादा उचित होता.

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लक्ष्य सेन को सेमीफाइनल में मिली हार, अब ब्रॉन्ज पर

लक्ष्य सेन पुरुष एकल सेमीफाइनल में डेनमार्क के मौजूदा ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन से 20-22, 14-21 से हार गए. सोमवार को कांस्य पदक के मुकाबले में लक्ष्य का मुकाबला मलेशिया के ली ज़ी जिया से होगा. जबकि फाइनल में एक्सेलसन का मुकाबला थाईलैंड के कुनलावुत विटिडसार्न से होगा.

पहले गेम में लक्ष्य ने शुरुआत में ब्रेक तक 11-9 से बढ़त हासिल कर ली. हालांकि, दोनों खिलाड़ी लंबी, तीव्र रैलियों में लगे रहे, जिसमें कोर्ट में बहाव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसने कभी-कभी एक्सेलसन की सटीकता को बाधित कर दिया, जिससे लक्ष्य को प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिली.

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एक्सेलसेन की रणनीति भारतीय शटलर के स्मार्ट खेल के बावजूद लक्ष्य को शक्तिशाली स्मैश से लुभाने के इर्द-गिर्द घूमती रही. यहां तक ​​कि 20-17 पर तीन अंकों से पिछड़ने के बाद, एक्सेलसेन ने वापसी की और पहला गेम 22-20 से जीत लिया. दूसरे गेम में लक्ष्य ने जल्द ही 7-0 की बढ़त बना ली, लेकिन अपने चैंपियन फॉर्म के अनुरूप एक्सेलसेन ने वापसी करते हुए गेम को 10-10 से बराबर कर दिया. ब्रेक तक लक्ष्य 11-10 से आगे होने में कामयाब रहे.

हालांकि, एक्सेलसेन का अनुभव और लचीलापन सामने आया क्योंकि उन्होंने खेल के उत्तरार्ध में कई शक्तिशाली हमले किए. लक्ष्य, अपने सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, हमले का सामना नहीं कर सके और गेम हाथ से निकल गया, और एक्सेलसन के पक्ष में 21-14 से समाप्त हुआ. एक्सेलसन की जीत ने उन्हें लगातार दूसरे ओलंपिक एकल फाइनल में स्थान दिला दिया, जहां उनका सामना थाईलैंड के कुनलावुत विटिडसार्न से होगा.

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लवलीना को क्वार्टर फाइनल में मिली हार

पेरिस ओंलपिक में भारत की मुक्केबाजी में मेडल की आस समाप्त हो चुकी है. टोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन इस बार चूक गईं और क्वार्टर फाइनल में मिली हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो चुकी हैं. 75 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की लवलीना का सामना रविवार को चीन की विश्व नंबर एक चीन की ली कियान से था. लवलीना हार गईं और पुरुष-महिला मुक्केबाजी में भारत की चुनौती समाप्त हो गई.

लवलीना को महिलाओं के 75 किग्रा भार वर्ग की क्वार्टर फाइनल बाउट में चीन की ली कियान से एकतरफा हार का सामना करना पड़ा. लवलीना को चीनी खिलाड़ी ली कियान ने 4-1 से शिकस्त दी. निखत ज़रीन के बाहर होने के बाद लवलीना पदक जीतने की प्रबल दावेदार थी. लेकिन शीर्ष वरीयता प्राप्त चीनी मुकेबाज ने लवलीना के खिलाफ यह मुकाबला आसानी से जीत लिया.

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जीत से लवलीना के लिए पदक पक्का हो जाता, क्योंकि ओलंपिक मुक्केबाजी में दो कांस्य पदक दिए जाते हैं, जिसमें दो हारने वाले सेमीफाइनलिस्ट को कांस्य मिलता है. टोक्यो 2020 में, लवलीना ने 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता. इससे पहले विजेंदर सिंह और मैरी कॉम के बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाली केवल तीसरी भारतीय मुक्केबाज बनी थीं. हालांकि, उन्होंने इस बार 69 किग्रा वर्ग में नहीं, बल्कि 75 किग्रा वर्ग में भाग लिया जिसके लिए उन्हें और अधिक मेहनत करनी पड़ी. असम की मुक्केबाज ने अपने नए वर्ग में अच्छी तरह से खुद को ढाल लिया था और उसी में मौजूदा विश्व चैंपियन बनीं.

माहेश्वरी चौहान फाइनल राउंड में जगह बनाने से चूकीं

भारतीय निशानेबाज माहेश्वरी चौहान और रायजा ढिल्लों क्रमशः 14वें और 23वें स्थान पर रहीं और महिलाओं के स्कीट फाइनल के लिए कट-ऑफ से पीछे रह गईं, जिससे रविवार को पेरिस ओलंपिक में क्वालीफिकेशन स्पर्धा में उनका अभियान समाप्त हो गया.

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मौजूदा एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता माहेश्वरी ने मजबूत शुरुआत की और चौथे दौर के अंत तक मजबूत दावेदारी में थीं. उनके निरंतर प्रदर्शन ने उन्हें फाइनल के लिए कट-ऑफ अंक तक पहुंचा दिया. फिर भी, आखिरी दौर का दबाव चुनौतीपूर्ण साबित हुआ. तीन महत्वपूर्ण चूकों के परिणामस्वरूप स्कोर 22/25 हो गया, जिससे उसका कुल स्कोर 118/125 रहा. इससे वह फाइनल में पहुंचने वाले शीर्ष छह निशानेबाजों के बाहर 14वें स्थान पर आ गईं.

दूसरी ओर, रायज़ा की पहले दिन की शुरुआत चुनौतीपूर्ण रही. हालांकि, उसने उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया और बाद के राउंड में दृढ़ प्रयास के साथ शुरुआती कमी को पूरा किया. उसके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, अंतर पूरी तरह से दूर करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ. उसने क्वालीफिकेशन स्पर्धा को 113/125 के स्कोर के साथ 23वें स्थान पर समाप्त किया, और शीर्ष 20 से पीछे रह गई.

पारुल पेरिस ओलंपिक से बाहर

भारत का पेरिस ओलंपिक खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में निराशाजनक प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा जब राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक पारुल चौधरी और जेसविन एल्ड्रिन क्रमशः महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ और पुरुषों की लंबी कूद में फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे. पारुल ने अपनी हीट रेस में आठवें और कुल मिलाकर 21वें स्थान पर रहकर पेरिस ओलंपिक में अपना अभियान समाप्त किया.

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ओलंपिक से पहले अमेरिका में पेरिस की अनुकूल परिस्थितियों में अभ्यास करने वाली 29 वर्षीय पारुल ने नौ मिनट 23.39 सेकेंड में दूरी तय की, जो उनके इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. वह हालांकि अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड नौ मिनट 15.31 सेकंड से काफी पीछे रही जो उन्होंने 2023 में विश्व चैंपियनशिप में बनाया था. तीन हीट रेस में से प्रत्येक में शीर्ष पांच में जगह बनाने वाले एथलीट फाइनल में प्रवेश करते हैं.

पारुल की हीट रेस में युगांडा की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन पेरुथ चेमुताई ने 9:10.51 के साथ पहले नंबर पर रही. कीनिया की फेथ चेरोटिच (9:10.57) और जर्मनी के गेसा फेलिसिटास क्रूस (9:10.68) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रही. पारुल का इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक खेलों में अभियान भी समाप्त हो गया. वह और अंकिता ध्यानी महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही थी.

लंबी कूद में एल्ड्रिन क्वालिफिकेशन राउंड से बाहर

पुरुषों की लंबी कूद के क्वालिफिकेशन राउंड में एल्ड्रिन अपने पहले दो प्रयासों में फाउल कर गए जबकि तीसरे प्रयास में 7.61 मीटर तक ही पहुंच पाए. वह ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में 16 खिलाड़ियों में 13वें और कुल मिलाकर 26वें स्थान पर रहे. पहले 12 स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों ने अगले दौर में जगह बनाई. एल्ड्रिन का सत्र में सर्वश्रेष्ठ 7.99 मीटर और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8.42 मीटर है.

विजयवीर भी अच्छा प्रदर्शन करने के बाद चूके

भारतीय निशानेबाज विजयवीर सिद्धू और अनीष भानवाल क्वालीफिकेशन में प्रभावी प्रदर्शन के बावजूद अंतिम सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद रविवार को पेरिस ओलंपिक खेलों की पुरुष 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे. विजयवीर और अनीष दो चरण के क्वालीफिकेशन के दूसरे रेपिड फायर चरण के अंतिम 10 शॉट तक फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में थे, लेकिन क्रमश: 92 और 93 अंक जुटाकर नौवें और 13वें स्थान पर रहे. शीर्ष छह निशानेबाजों ने फाइनल में जगह बनाई.

पुरुषों की स्पर्धा में दोनों निशानेबाजों ने प्रीसिजन चरण में 293 का स्कोर बनाया और क्रमश: पांचवें और सातवें स्थान पर रहे. रेपिड फायर दौर में विजयवीर ने पहली दो सीरीज में 100 और 98 का ​​स्कोर बनाया और एक समय दूसरे स्थान पर पहुंच गए जबकि अनीश ने भी 99 और 97 का स्कोर बनाया और शीर्ष छह के करीब रहे. लेकिन अंतिम सीरीज ने सब कुछ बदल दिया.

डिंगी रेस में भारत पिछड़ा

भारतीय नौकाचालक नेत्रा कुमानन आठवीं रेस के बाद 21वें स्थान पर चल रही हैं. नेत्रा फाइनल राउंड में जगह बनाने से पिछड़ चुकी हैं. वहीं विष्णु आठवीं रेस के बाद 10वें स्थान पर चल रहे हैं.

गोल्फ में ऐसा रहा हाल

चौथे राउंड के बाद भारतीय गोल्फर गगनजीत भुल्लर 45वीं रैंक पर चल रहे हैं तो शुभांकर शर्मा 40वीं रैंक पर चल रहे हैं.

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