भारतीय निशानेबाज तोक्यो ओलंपिक में अपनी स्पर्धाओं के पहले दिन शनिवार को यहां लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने से चूक गए और सबसे अधिक निराश सौरभ चौधरी (Saurabh Cahudhary) ने किया जो क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहने के बाद पदक जीतने में नाकाम रहे. चौधरी क्वालीफिकेशन की फॉर्म में फाइनल में दोहराने में नाकाम रहे और पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में सातवें स्थान पर रहे. कमरे में चौधरी के साथ रह रहे उनके मित्र अभिषेक वर्मा तो आठ खिलाड़ियों के फाइनल में भी जगह नहीं बना पाए और उस स्पर्धा में 575 अंक के साथ 17वें स्थान पर रहे जिसमें भारत के पदक जीतने की सबसे अधिक संभावनाएं जताई गई थी. ओलिंपिक से पहले दोनों विश्व कप जीतकर शानदार फॉर्म में चल रहे ईरान के जावेद फोरोगी ने 24 शॉट के फाइनल में 244.8 अंक के ओलिंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता. सर्बिया के दामिर मिकेच ने 237.9 अंक के साथ रजत पदक जीतते हुए अपने चौथे ओलिंपिक में पदक का सपना साकार किया. बीजिंग खेलों के चैंपियन चीन के वेइ पेंग ने 217.6 अंक के साथ कांस्य पदक हासिल किया.
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महिला 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में ओलंपिक में पदार्पण कर रही इलावेनिल वालारिवन और अपूर्वी चंदेला फाइनल्स में भी जगह नहीं बना सकी. ये दोनों अकासा रेंज पर क्रमश: 16वें और 36वें स्थान पर रहीं. चीन की कियान वैंग ने आठ खिलाड़ियों के फाइनल में ओलंपिक रिकॉर्ड 251.8 अंक के साथ मौजूदा खेलों का पहला स्वर्ण पदक अपने नाम किया. रूस ओलंपिक समिति की अनास्तासिया गालाशिना ने 251.1 अंक के साथ रजत जबकि स्विट्जरलैंड की नीना क्रिस्टीन ने 230.6 अंक के साथ कांस्य पदक जीता.
क्वालीफिकेशन में शानदार प्रदर्शन के साथ फाइनल में जगह बनाने के बाद सभी की नजरें चौधरी पर टिकी थी कि वह महिलाओं के निराशाजनक प्रदर्शन को पीछे छोड़कर पदक जीतेंगे लेकिन नतीजा वह नहीं रहा जिसकी देश की निशानेबाजी टीम ने उम्मीद की थी. भारतीय दिग्गज 137.4 अंक के साथ सातवें स्थान पर रहा. चौधरी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पहले पांच शॉट के बाद वह 47.7 अंक के साथ आठवें स्थान पर चल रहे थे.
एशियाई खेलों और युवा ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता चौधरी 117.2 अंक के साथ 12वें शॉट के बाद छठे स्थान पर चल रहे थे. चौधरी पहले एलीमिनेशन से बच गए लेकिन अधिक देर तक मुकाबले में नहीं टिक पाए. क्वालीफिकेशन में हालांकि विश्व स्तरीय निशानेबाजों के बीच चौधरी 586 अंक के साथ शीर्ष पर रहे. उन्होंने लगातार दो सीरीज में 98 अंक के साथ चौथी सीरीज में परफेक्ट 100 अंक जुटाए.
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वर्मा भी वापसी करते हुए फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में शामिल हो गए थे लेकिन अंतिम सीरीज में दो बार आठ अंक के साथ उनका सपना टूट गया. चौधरी ने परफेक्ट 10 से शुरुआत की लेकिन पहली सीरीज के दूसरे हिस्से में लय कायम नहीं रख सके. विश्व कप का यह स्वर्ण पदक विजेता हालांकि इसके बाद 36 निशानेबाजों के बीच 19वें स्थान पर खिसकने के बाद वापसी करते हुए शीर्ष पर जगह बनाने में सफल रहा. इससे पहले पहली बार ओलंपिक में खेल रही दुनिया की नंबर एक निशानेबाज इलावेनिल 626.5 के स्कोर के साथ 16वें और चंदेला 621.9 अंक के साथ 50 निशानेबाजों में 36वें स्थान पर रहीं. हर निशानेबाज को दस-दस शॉट की छह सीरिज खेलनी थी.
भारतीय निशानेबाजों की शुरुआत ठीक-ठाक रही. चंदेला दूसरी सीरीज में 9.5 और 9.9 अंक के साथ नीचे खिसकी लेकिन 21 साल की इलावेनिल ने तीसरी सीरीज में परफेक्ट 10.9 स्कोर सहित शानदार प्रदर्शन करते हुए उम्मीद जीवंत रखी. विश्व कप फाइनल की स्वर्ण पदक विजेता इलावेनिल अगली तीन सीरिज में यह फॉर्म बरकरार नहीं रख सकी और कुछ नौ के स्कोर के साथ क्वालीफिकेशन रैंकिंग में और नीचे चली गई.
वहीं, रियो ओलिंपिक में 34वें स्थान पर रही चंदेला बिल्कुल लय में नहीं दिखी. चंदेला ने 2019 में दो विश्व कप में स्वर्ण जीते थे. भारत ने तोक्यो ओलंपिक में निशानेबाजी का पहला कोटा महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में ही हासिल किया था. अंजुम मुद्गिल और अपूर्वी चंदेला ने 2018 में कोरिया के चांगवान में हुई विश्व चैम्पियनशिप में यह कोटा जीता था. मुद्गिल का कोटा मौजूदा फॉर्म के आधार पर इलावेनिल को दिया गया था.
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