सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने सभी टेनिसप्रेमियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए विंबलडन का खिताब अपनी झोली में डाल लिया. जोकोविच ने इटली के बेरेटिनी को 6-7, 6-4, 6-4 और 6-3 से हराकर विंबलडन चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. यह उनके करियर का 20वां ग्रैंडस्लैम खिताब है. शीर्ष वरीयता प्राप्त जोकोविच का यह 30वां मेजर फाइनल था, जबकि बेरेटिनी यहां जूनियर स्पर्धा में खेल चुके हैं. बता दें कि यह जोकविच के करियर का 6ठा और विंबलडन खिताब और इस साल का तीसरा ग्रैंडस्लैम रहा. इससे पहले जोकोविच ने ऑस्ट्रेलिया और फ्रेंच ओपन खिताब जीता है. इसी के साथ ही जोकोविच ने यह खिताब जीतकर एक और दिग्गज राफेल नडाल और रोजर फेडरर के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली. राफेल भी अभी तक 20 ग्रैंडस्लैम जीत चुके हैं, तो फेडरर ने भी इतने ही ग्रैंडस्लैम खिताब जीते हैं.
सातवीं वरीयता प्राप्त बेरेटिनी का यह पहला फाइनल था और 1976 फ्रेंच ओपन में एड्रियानो पनाटा के खिताब जीतने के बाद किसी भी इटली के खिलाड़ी का यह पहला फाइनल था और वह बड़ी उम्मीदों और सपने के साथ कोर्ट पर उतरे थे. बेरेटिनी ने पहला सेट जीतकर शुरुआत भी दमदार की, लेकिन उनका दम बस इसी सेट तक सीमिहत होकर रह गया क्योंकि अगले तीन सेट जोकोविच के नाम रहे.
पहले सेट में दोनों खिलाड़ियों के बीच जमकर जद्दोजहद हुयी. कभी जोकोविच आगे निकले, तो कभी बेरेटिनी, लेकिन निर्णायक पलों में बाजी मारी बेरेटिनी ने 6-7 से पहला सेट जीतकर मुकाबले मेंं 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. लेकिन चैपियन खिलाड़ियों के खेल का स्तर विपरीत हालात में ही होता है और कहीं अनुभवी जोकोविच ने भी यहां से अपने खेल के स्तर को ऊंचा करते हुए हर सेट में बेरेटिनी को कहीं बौना साबित करते हुए उन्हें आगे बिल्कुल भी मौका नहीं देते हुए तीनों लगातार सेटों में बाजी अपने नाम करते हुए 20वें ग्रैंडस्लैम पर कब्जा कर लिया.
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