Neeraj Chopra does in style:गत चैंपियन भारत के नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को यहां ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर के थ्रो के साथ पेरिस ओलंपिक खेलों की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई लेकिन किशोर जेना बाहर हो गए. ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में सबसे पहले थ्रो करने उतरे नीरज ने 89.34 मीटर से सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए आठ अगस्त को होने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई किया. नीरज ने तोक्यो ओलंपिक में भी अपने पहले ही प्रयास में फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया था. नीरज ने ग्रुप ए और बी दोनों में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में प्रवेश किया और इस तरह एडक्टर की चोट से जुड़ी चिंताओं को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया. बहरहाल, अगर नीरज वीरवार को स्वर्ण पदक पर कब्जा करते हैं, तो वह वेरी-वेरी स्पेशल बन जाएंगे. चलिए जानिए कि उनके हिस्से मे कौन-कौन से रिकॉर्ड आएंगे.
अव्वल रहे चोपड़ा
यह नीरज के करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है. इस गत ओलंपिक और विश्व चैंपियन ने 87.58 मीटर के प्रयास के साथ तोक्यो ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता था, जबकि उनका निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है जो उन्होंने 2022 में स्टॉकहोम डाइमंड लीग में रजत पदक जीतने के दौरान किया था. यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है. नीरज ने ग्रुप बी से ग्रेनाडा के पूर्व विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स (88.63 मीटर), राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तान के अरशद नदीम (86.59 मीटर), ब्राजील के लुईस मॉरीसियो डा सिल्वा (85.91 मीटर) और मालदोवा के एंड्रियन मारडेयर (84.13 मीटर) ने भी भाले को 84 मीटर से अधिक दूर फेंककर सीधे फाइनल में जगह बनाई.
...तो इस क्लब में शामिल हो जाएंगे नीरज
नीरज अब फाइनल में ओलंपिक के इतिहास में खिताब बरकरार रखने वाले पांचवें पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी बनने के इरादे से उतरेंगे. अगर वह खिताब जीतते हैं तो ओलंपिक व्यक्तिगत वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बनेंगे. अभी तक ओलंपिक की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में अभी तक एरिक लेमिंग ( स्वीडन, 1908 और 1912), जोन्नी माइरा ( फिनलैंड, 1920 और 1924), चोपड़ा के आदर्श जान जेलेंजी ( चेक गणराज्य, 1992 और 1996 ) और आंद्रियास टी ( नॉर्वे, 2004 और 2008 ) की ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में अपने खिताब का बचाव कर पाए हैं.
बनेंगे आजादी के बाद ऐसे चौथे भारतीय
हालांकि अगर नीरज कोई भी पदक अपने नाम करते हैं तो भी वह स्वतंत्रता के बाद दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले सिर्फ चौथे भारतीय खिलाड़ी होंगे. स्वतंत्रता के बाद बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू (एक रजत और एक कांस्य), पहलवान सुशील कुमार (एक रजत और एक कांस्य) और निशानेबाज मनु भाकर (दो कांस्य) ही भारत के लिए दो ओलंपिक पदक जीत पाए हैं.