- पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी मोनिका सेलेस को तीन साल पहले मायस्थेनिया ग्रेविस नामक ऑटो-इम्यून बीमारी हुई.
- सेलेस ने टेनिस खेलते समय दो गेंदें दिखाई देने जैसे लक्षणों के कारण इस बीमारी का पता लगाया.
- मायस्थेनिया ग्रेविस मांसपेशियों में कमजोरी पैदा करने वाली न्यूरोमस्कुलर ऑटोइम्यून बीमारी है.
Monica Seles: पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 सर्बियाई-अमेरिकी टेनिस स्टार मोनिका सेलेस (Tennis great Monica Seles) ने दुनिया के सामने आकर एक ऐसी बीमारी के बारे में बात की है जिसके बारे में ज़्यादातर भारतीयों ने पहली बार बिग-B यानी अमिताभ बच्चन की कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान 1983 में सुना था.
सेलेस ने की ऑटो-इम्यून बीमारी की बात
नौ ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली और कभी ग्रैंड स्लैम और टॉप टेनिस सर्किट में स्टेफी ग्राफ जैसी स्टार को ज़बरदस्त टक्कर देनेवाली 51 साल की मोनिका सेलेस को करीब तीन साल पहले मल्टीपल स्क्लेरोसिस या मायस्थेनिया ग्रेविस (MG) का पता चला था. लेकिन वह पहली बार अब सबके सामने आकर सार्वजनिक रूप से इसके बारे में बात कर रही हैं. वह इम्यूनोलॉजी कंपनी आर्गेनक्स के साथ मिलकर उनके "गो फॉर ग्रेटर" मुहिम के तहत इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं. उन्होंने ये भी कहा, "जब मुझे पता चला, तो मैं सोच रही थी, 'क्या?!' काश मेरे जैसा कोई होता जो इस बारे में बोलता."
'जब दो गेंदें दिखने लगीं'
सेलेस ने खुलासा किया कि उन्होंने पहली बार मायस्थेनिया ग्रेविस (एमजी), एक न्यूरोमस्कुलर ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षण परिवार और दोस्तों के साथ टेनिस खेलते समय देखे थे. एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में सेलेस ने कहा, "मैं कुछ बच्चों या परिवार के सदस्यों के साथ खेल रही होती थी, और मैं गेंद हिट करने से चूक रही थी। मुझे लगा मुझे दो गेंदें दिखाई दे रही हैं. और तब मैंने कहा-हां, ये ऐसे लक्षण हैं जिन्हें आप नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते. "
क्या है माइस्थिनिया ग्रेविस?
अमेरिका में मैरीलैंड के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स एंड स्ट्रोक (NINDS) के मुताबिक MG एक "लंबे समय का न्यूरो-मस्कुलर रोग है जो स्वैच्छिक मांसपेशियों में कमज़ोरी पैदा करता है." यह आमतौर पर 40 साल से कम उम्र की युवा महिलाओं और 60 साल से ज़्यादा उम्र के पुरुषों को प्रभावित करता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है. मायस्थेनिया ग्रेविस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका मतलब है कि शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही मांसपेशियों पर हमला करती है. यह स्थिति स्थायी नहीं है, और उपचार के साथ, लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है यूसी हेल्थ के अनुसार. उपचार में दवाएं, शारीरिक चिकित्सा और कभी-कभी सर्जरी शामिल हो सकती हैं.
माइस्थिनिया ग्रेविस के बच्चन और सेलेस में लक्षण (Monica Seles has Amitabh Bachchan's 'disease)
मायस्थेनिया ग्रेविस के लक्षणों में मांसपेशियों में कमजोरी, पलकों का गिरना, देखने में परेशानी, बोलने और निगलने में कठिनाई शामिल हैं. सेलेस ने भी खुद में कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में बताया है. उन्होंने कहा, "उन्हें डबल इमेज, हाथ-पैर में कमज़ोरी और बालों को सुखाने में भी बहुत मुश्किल हो रही थी."
अमिताभ बच्चन ने भी बहुत पहले सार्वजनिक रूप से अपनी बीमारी के बारे में बात की है. उन्होंने बताया कि बीमारी ने उन्हें शारीरिक रूप से कमजोर कर दिया था, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और काम करना जारी रखा. उनका अनुभव दूसरों को प्रेरित करता है, खासकर उन लोगों को जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं.
'कुली' फिल्म के दौरान बिग-B के लिए दुआएं
1983 में रुपहले पर्दे पर आई बच्चन स्टारर 'कुली' की शूटिंग के दौरान उन्हें जानलेवा चोट आई. वो अस्पताल में भर्ती हो गए. पूरा देश उनके लिए दुआएं करने लगा. उसी दौरान ये भी पता चला कि बिग-B माइस्थिनया ग्रेविस से भी जूझ रहे हैं. उनकी एक्टिंग की क्षमता को लेकर भी सवाल उठने लगे. ये भी डर बना रहा कि बच्चन पहले जैसी एक्टिंग कर पाएंगे या नहीं. लेकिन उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से इस बीमारी से लड़ते हुए मिसाल कायम कर दी है.