विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत के लिए ऐतिहासिक दिन, दो मेडल हुए पक्के

इससे पहले महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य पदक) और बी साई प्रणीत (2019 में कांस्य पदक) ने पदक जीते थे.

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भारत का एक सिल्वर मेडल भी पक्का.
नई दिल्ली:

किदाम्बी श्रीकांत (Kidambi Srikanth) और युवा लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने शुक्रवार को यहां बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप (World Badminton Championships) के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंचकर नया इतिहास रचते हुए भारत के लिये कम से कम दो पदक पक्के किये, लेकिन महिला एकल में भारत को निराशा हाथ लगी और मौजूदा चैंपियन पी वी सिंधू (Pv Sindhu) को क्वार्टर फाइनल में ताइ जु यिंग से हार का सामना करना पड़ा. भारत का एक रजत पदक भी पक्का हो गया है क्योंकि शनिवार को पहले सेमीफाइनल में श्रीकांत और लक्ष्य आमने सामने होंगे. भारत के लिये यह टूर्नामेंट में ऐतिहासिक दिन साबित हुआ है. पहले विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी और यहां 12वें वरीय श्रीकांत ने नीदरलैंड के मार्क कालजोऊ पर क्वार्टरफाइनल में महज 26 मिनट में 21-8 21-7 से जीत हासिल की. इसके बाद गैरवरीयता प्राप्त सेन ने अपने जुझारूपन का शानदार नमूना पेश किया तथा क्वार्टर फाइनल में चीन के जुन पेंग झाओ को तीन गेम तक चले रोमांचक मुकाबले में 21-15, 15-21, 22-20 से हराया. 

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यह मैच एक घंटे और सात मिनट तक चला. सेन ने कहा, मैं रैली में आत्मविश्वास से भरा हुआ था. लेकिन हम दोनों ने कुछ गलतियां की. 20-20 पर मैं चूक गया लेकिन मैं फिर भी विनर लगाने में सफल रहा, थोड़ा भाग्यशाली रहा. सेन ने कहा, मैं तीन वर्षों में श्रीकांत (Kidambi Srikanth) से नहीं खेला हूं, इसलिये यह अच्छा मैच होगा. वह भी बहुत अच्छा खेल रहे हैं और उन्होंने इस हफ्ते में अपने प्रतिद्वंद्वियों को दोहरे अंक तक पहुंचने से पहले ही हरा दिया है.  सेन ने साथ ही कहा, मैं भी अच्छा खेल रहा हूं और हम दोनों ही आक्रामक शैली का खेल खेलते हैं. देखते हैं कौन फाइनल में पहुंचता है. भारत ने एक फाइनलिस्ट तो पक्का कर लिया है जो अच्छी चीज है. मैं मुकाबले के लिये तैयार हूं.  

कौन कौन खिलाड़ी जीत चुक हैं WBC में मेडल
इन दोनों से पहले महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य पदक) और बी साई प्रणीत (2019 में कांस्य पदक) ने पदक जीते थे. श्रीकांत ने कहा, मैंने खुद से कहा कि मुझे मैच में बने रहना होगा. मैं बड़ी बढ़त नहीं गंवाना चाहता था या आसान गलतियां नहीं करना चाहता था, मुझे ध्यान लगाये रखना था. कहा, ‘‘इस चरण तक पहुंचकर खुश हूं. इस टूर्नामेंट में आने से पहले मैं सिर्फ शुरूआती मुकाबले के बारे में सोच रहा था. इसके बाद ही अगले अगले मुकाबले के बारे में सोचा. सिंधू ने विश्व चैम्पियनशिप में पांच पदक जीते हैं जबकि साइना नेहवाल के नाम दो पदक हैं. ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी ने भी 2011 में कांस्य पदक जीता था.

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कैसा रहा श्रीकांत का मुकाबला
दुनिया के 14वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत पहले गेम में 11-5 से बढ़त बनाये थे और ब्रेक के बाद उन्होंने 14-8 की बढ़त बनाकर लगातार सात अंक हासिल कर गेम जीत लिया. दूसरा गेम भी कुछ अलग नहीं था जिसमें श्रीकांत ने अपने प्रतिद्वंद्वी को पूरी तरह से पस्त कर दिया. उन्होंने 4-3 के स्कोर के बाद लगातार सात अंक हासिल किये. फिर 17-7 के बाद उन्होंने लगातार चार अंक जीतकर मैच अपने नाम कर लिया. महिलाओं के एकल में शीर्ष वरीय ताइ जू ने क्वार्टर फाइनल 42 मिनट में 21-17, 21-13 से जीतकर सिंधू का खिताब बरकरार रखने का सपना तोड़ा.

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सिंधु का सफर समाप्त
दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी और दो ओलंपिक पदक विजेता सिंधू ने 2019 में यह खिताब जीता था और 2020 में कोरोना महामारी के कारण टूर्नामेंट हुआ नहीं था . सिंधू ने 2019 में ताइ जू को इस टूर्नामेंट में हराया था लेकिन तोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में उससे हार गई थी . इस मैच से पहले ताइ जू के खिलाफ उसका जीत हार का रिकॉर्ड 14 . 5 का था. भारतीय खिलाड़ी को ताइ जू की फुर्ती, कोर्ट कवरेज और ड्राप शॉट की बराबरी करने में मुश्किल हो रही थी जो पहले भी कई बार रहा है, हालांकि सिंधू ने कुछ बेहतरीन क्रास-कोर्ट स्मैश लगाये. सिंधू ने मैच के दौरान कई सहज गलतियां कीं. वह दूसरे गेम में बराबरी तक पहुंची थी लेकिन बाद में हार गयीं. पुरुष एकल में भारत के तीसरे खिलाड़ी एच एस प्रणय के पास भी सेमीफाइनल में पहुंचने का मौका है. वह क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर के कीन येव लोह से भिड़ेंगे.

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