भारत के उभरते हुए खिलाड़ी प्रियांशु राजावत ने इंडिया ओपन सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट में पूर्व चैंपियन लक्ष्य सेन को तीन गेम में हराने के बाद कहा कि उन्होंने काफी समय बाद इतना अच्छा मुकाबला खेला है और वह इस प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना चाहते हैं. प्रियांशु ने पहला गेम गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए दुनिया के 19वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य को एक घंटा और 15 मिनट चले मुकाबले में 16-21, 21-16 21-13 से हराया. प्रियांशु ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘काफी समय बाद मैंने इतना अच्छा मुकाबला खेला. पीठ में चोट के कारण बीच में मैंने ब्रेक भी लिया था. लक्ष्य के खिलाफ यह मैच जीतना मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण था. लक्ष्य मेरे काफी अच्छे दोस्त हैं. उनके साथ खेलकर काफी अच्छा लगता है. हम दूसरी बार एक-दूसरे के खिलाफ खेल रहे थे. जापान में भी मैं उनसे करीबी मुकाबले में हारा था. मैं तीसरे गेम में 22-24 से हारा था इसलिए मेरे लिए महत्वपूर्ण था कि मैं आज जीतकर अगले दौर में जाऊं.'
पिछले साल जापान ओपन में प्रियांशु को लक्ष्य के खिलाफ 15-21, 21-12, 22-24 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी. ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की अपनी योजना के बारे में दुनिया के 30वें नंबर के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि इसी साल ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करूं. दिसंबर में पीठ में सूजन थी जिसके कारण कुछ टूर्नामेंट में नहीं खेल पाया. उपचार के बाद भी सूजन कम नहीं हो रही थी। अभी इस साल काफी टूर्नामेंट बचे हैं. मैं पिछले साल छोड़े हुए टूर्नामेंट की भरपाई कर सकता हूं. मैं प्रयास करूंगा कि इस साल के बाकी बचे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करूं और जीत हासिल करूं.'
प्रियांशु ने कहा कि जापान में भी उन्होंने तीसरे गेम में 18-14 की बढ़त बनाने के बाद लक्ष्य को वापसी का मौका दे दिया था और इस बार तीसरे और निर्णायक गेम में बढ़त हासिल करने के बाद वह विरोधी को कोई मौका नहीं देना चाहते थे. उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तैयारी के साथ आया था कि मुझे यह मैच जीतना ही है. पिछली बार भी मैं गलतियों के कारण जीता हुआ मैच हारा था. मैं तब भी तीसरे गेम में 18-14 से आगे था और फिर उन्होंने अपना खेल दिखाया और मैं हार गया. इस बार मैं सोचकर आया था कि चीजों को बिलकुल भी हल्के में नहीं लेना है क्योंकि मुझे पता था कि वह पिछली बार की तरह वापसी कर सकता था.'
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प्रियांशु ने कहा, ‘9-1 से जब आगे था तो लगा था कि वह हार मान रहे हैं लेकिन इसके बाद उन्होंने स्कोर 5-9 किया. उसके बाद मैंने ब्रेक लिया क्योंकि मैं लगातार अंक गंवा रहा था. मैंने खेल धीमा किया क्योंकि मैं काफी जल्दी अंक गंवा रहा था. प्रियांशु को अगले दौर में एक और हमवतन और शीर्ष भारतीय खिलाड़ी एचएस प्रणय से भिड़ना है और उन्हें उम्मीद जताई कि वह इस मुकाबले में भी जीत दर्ज करने में सफल रहेंगे.
उन्होंने कहा, ‘पिछली बार प्रणय से ऑस्ट्रेलिया में सेमीफाइनल में हार गया था. मैं उनके खिलाफ भी प्रयास करूंगा कि अच्छा प्रदर्शन करूं और जीत हासिल करूं. हम अकादमी में भी साथ खेलते हैं और वह मुझे सलाह देते रहते हैं कि क्या करना है. उम्मीद करता हूं कि मैं अपना शत प्रतिशत दूंगा और उन्हें भी हरा पाऊंग.' दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच मुकाबले दौरान कोई कोच मौजूद नहीं था और प्रियांशु का मानना है कि जब आप लगातार अंक गंवाते हैं तो कोच की मौजूदगी से काफी मदद मिलती है.
उन्होंने कहा, ‘दो हमवतन खिलाड़ियों के बीच मुकाबले में इन टूर्नामेंट में कोच नहीं होता. कोच का होना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जब आप काफी अंक गंवाते हैं तो दिमाग में नहीं आता कि क्या करना है. पीछे से अगर कोई मदद करने वाला होता है तो काफी अच्छा होता है. अगर गलती करते हैं तो वह बताते हैं कि क्या करना है. अकेले में आपको नहीं पता चलता कि अब क्या करना है, ऐसे में और गलती होती हैं.'