"ओलंपिक में पदक के दावेदार के रूप में जाना चाहता हूं..." इंडिया ओपन के पहले दौर में हार के बाद बोले श्रीकांत

Kidambi Srikanth: श्रीकांत ने इंडिया ओपन के पहले दौर में हांगकांग के ली च्युक यीयु के खिलाफ शिकस्त के बाद संवाददाताओं से कहा,"मेरी नजरें लगातार अच्छे प्रदर्शन पर टिकी हैं. मैं ओलंपिक में पदक के दावेदार के रूप में जाना चाहता हूं, सिर्फ खेलने के इरादे से नहीं."

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Kidambi Srikanth: इंडिया ओपन के पहले दौर में हार के बाद बोले श्रीकांत

Kidambi Srikanth: दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने कहा कि वह इस साल होने वाले पेरिस ओलंपिक में पदक के दावेदार के रूप में उतरना चाहते हैं और सिर्फ प्रतिनिधित्व के लिए खेलों के इस महाकुंभ में खेलने का उनका कोई इरादा नहीं है. श्रीकांत की विश्व रैंकिंग अभी 25 है और ओलंपिक में जगह बनाने के लिए उन्हें अप्रैल के अंत तक शीर्ष 16 खिलाड़ियों में जगह बनानी होगी. वह अभी पूर्व स्टार भारतीय खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रहे हैं जिनके साथ उन्होंने कई टूर्नामेंट खेले हैं. बता दें, किदांबी श्रीकांत का प्रदर्शन बीते कुछ समय से काफी खराब रहा है. श्रीकांत 2023 की शुरुआत से लगातार 11 टूर्नामेंट में हार चुके हैं, इस दौरान वो एक बार फिर सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाए हैं.

श्रीकांत ने इंडिया ओपन के पहले दौर में हांगकांग के ली च्युक यीयु के खिलाफ शिकस्त के बाद संवाददाताओं से कहा,"मेरी नजरें लगातार अच्छे प्रदर्शन पर टिकी हैं. मैं ओलंपिक में पदक के दावेदार के रूप में जाना चाहता हूं, सिर्फ खेलने के इरादे से नहीं. मैं टूर्नामेंट जीतना चाहता हूं और अगर ऐसा करता हूं तो निश्चित तौर पर ओलंपिक में जगह बनाऊंगा. मुझे नहीं लगता कि सिर्फ कुछ मैच जीतकर ओलंपिक में जगह बनाने से कोई फर्क पड़ने वाला है इसलिए मैं टूर्नामेंट जीतना चाहता हूं."

रियो ओलंपिक के पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले श्रीकांत ने कहा,"मैं पहले भी ओलंपिक में खेल चुका हूं. पिछली बार मैं बेहद मामूली अंतर से चूक गया था. इस नजर से देखूं तो मुझे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. अगर मैं टूर्नामेंट जीतता हूं तो ओलंपिक में जगह बना लूंगा और अगर नहीं भी खेल पाता तो बहुत फर्क नहीं पड़ेगा."

कश्यप के मार्गदर्शन में तैयारी करने के संदर्भ में श्रीकांत ने कहा,"वह (कश्यप) ऐसा व्यक्ति है जो इस स्तर पर रह चुका है. सभी को पता है कि वह कितना अच्छा खिलाड़ी रहा है. उसने जब चोटों के कारण खेलना छोड़कर कोच बनने का फैसला किया तो मैंने उससे पूछा कि क्या वह मेरी मदद कर सकता है और इस तरह इस साझेदारी की शुरुआत हुई."

उन्होंने कहा,"कश्यप के दिमाग में कुछ चीजें हैं और हम उन पर काम कर रहे हैं. हम काफी टूर्नामेंट में साथ खेले हैं लेकिन वह मेरे से पांच से छह साल सीनियर है. वह मेरा साथी खिलाड़ी नहीं बल्कि सीनियर रहा है जिसने जूनियर स्तर पर खेलने के दौरान मेरी मदद की. जब मैं जूनियर से सीनियर स्तर पर आया तो साइना (नेहवाल) और कश्यप ही दो भारतीय खिलाड़ी थे जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा कर रहे थे. तो वह ऐसा खिलाड़ी है जिसकी तरफ मैं मदद के लिए देखता हूं."

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श्रीकांत ने कहा कि वह ली च्युक के खिलाफ मुकाबले में मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे और काफी गलतियां की. उन्होंने कहा, "मुझे 22-21 के स्कोर पर मौके मिले. वह अच्छा खेला. मुझे नहीं लगता कि उन दो अंक के लिए कोई रणनीति काम करती. मैंने काफी गलतियां की. दूसरे गेम की शुरुआत में मैंने काफी गलतियां की लेकिन सुरक्षित होकर खेलना मेरा स्वाभाविक खेल नहीं है. अगर मैं गलतियों में कमी लाता तो शायद बड़ा अंतर पैदा हो सकता था." श्रीकांत ने कहा, ‘‘जब स्मैश अंदर गिरता है तो अंक मिलता है और अगर बाहर गिरता है तो अंक गंवा दिया जाता है। आज मैंने काफी गलतियां की और इनमें कमी लाने पर काम कर रहा हूं."

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