भारतीय चैलेंजर डी गुकेश ने एक बार फिर चीन के मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन की चुनौती का डटकर सामना करते हुए शनिवार को विश्व शतरंज चैंपियनशिप की दसवीं बाजी भी ड्रॉ खेलकर मुकाबले को बराबरी पर बनाए रखा. पिछली कुछ बाजियों की तरह इस बाजी में भी किसी तरह का रोमांच देखने को नहीं मिला. यह गुकेश के लिए काले मोहरों से खेलते हुए सबसे आसान ड्रॉ रहा. लिरेन ने कोई जोखिम नहीं लिया और वह ड्रॉ से खुश भी थे.
इस बाजी की शुरुआत 'लंदन सिस्टम' से हुई जिसमें खेल सहजता से आगे बढ़ता रहा. दोनों खिलाड़ी 36 चाल के बाद अंक बांटने पर सहमत हो गए. इन दोनों के बीच यह लगातार सातवीं बाजी थी जो ड्रॉ रही. दोनों खिलाड़ी अभी तक कुल आठ बाजी ड्रॉ खेल चुके हैं और उनके सामान पांच–पांच अंक है. जो भी खिलाड़ी पहले 7.5 अंक बनाएगा वह चैंपियनशिप जीतेगा. इस तरह से वे चैंपियन बनने से अब केवल 2.5 अंक पीछे हैं.
इस 25 लाख डालर इनामी प्रतियोगिता में अब केवल चार दौर की बाजी खेली जानी बाकी हैं. अगर 14 दौर के बाद भी मुकाबला बराबरी पर रहता है तो विजेता का निर्धारण करने के लिए ‘टाइम कंट्रोल' के आधार पर मैच खेला जाएगा. चीन के 32 वर्षीय लिरेन ने शुरुआती मैच जीता था जबकि भारत के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर गुकेश तीसरे मैच में विजयी रहे थे.
लिरेन ने फिर से लंदन सिस्टम में शुरुआत की लेकिन इस बार उन्होंने इसमें थोड़ा बदलाव किया जिससे मोहरों की संरचना बन गई. हो सकता है कि उनकी यह रणनीति किसी और दिन कारगर साबित हो जाती लेकिन गुकेश ने फिर से किसी तरह का जोखिम उठाना उचित नहीं समझा और वह भी आधा अंक हासिल करने के लिए ही खेलते रहे. सबसे कम उम्र के चैलेंजर गुकेश ने अभी तक चीन के ग्रैंडमास्टर की हर चुनौती का डटकर सामना किया है.
दसवीं बाजी शुरू होने से पहले लिरेन के पास सफेद मोहरों से खेलने के लिए तीन बाजियां थी लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाए. अब बाकी बची चार बाजियों में दोनों खिलाड़ी दो दो बार सफेद मोहरों से खेलेंगे और ऐसे में यह मुकाबला थोड़ा रोमांचक बन गया है. गुकेश ने 11वीं चाल में बाजी को बराबरी पर लाने का मुश्किल फैसला किया. इसके बाद जब लिरेन ने रानी सहित कई मोहरों का आदान-प्रदान किया तो यह स्पष्ट हो गया कि बाजी ड्रॉ की तरफ बढ़ रही है.
गुकेश ने बाद में कहा,"काले मोहरों से खेलते हुए अच्छी तरह से ड्रॉ करना बेहतर परिणाम होता है. अब चार रोमांचक बाजियां खेली जानी बाकी हैं." उन्होंने कहा,"निश्चित तौर पर यह मुकाबला अब काफी करीबी बन गया है. मुझे चार बाजियों का मुकाबला खेलने का कुछ अनुभव है. मैं सफेद मोहरों से खेलते हुए बमुश्किल ही हारा हूं. लेकिन इस तरह की स्थिति में मैं काले मोहरों से अच्छा प्रदर्शन करना चाहूंगा." भारतीय खिलाड़ी ने कहा,"आजकल सफेद या काले मोहरों से बहुत ज्यादा अंतर पैदा नहीं होता. अब यह मुकाबला चार बेहद रोमांचक बाजियों का रह गया है."