राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन जब भी ब्रिटिश धरती पर किया गया तब भारतीय खिलाड़ियों (India at Commonwealth Games) ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उम्मीद की जा रही है कि निशानेबाजी खेल शामिल नहीं किए जाने के बावजूद बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू होने वाले खेलों ((Commonwealth Games 2022) में भी वो नए रिकॉर्ड स्थापित करेंगे. भारत ने अब तक ब्रिटिश धरती पर पांच बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया और केवल ग्लास्गो 2014 (Glasgow Commonwealth Games) को छोड़कर उसने हर बार अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर परिणाम हासिल किए.
भारत ने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में 1934 में हिस्सा लिया था जिसका आयोजन लंदन में किया गया था. भारत ने तब केवल दो खेलों एथलेटिक्स और कुश्ती में हिस्सा लिया. पहलवान राशिद अनवर ने 74 किग्रा में कांस्य पदक जीतकर भारत को इन खेलों का पहला पदक दिलाया था.
वेल्स के कार्डिफ में 1958 में हुए खेलों में भारत पहली बार दो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा था. भारत को यह स्वर्ण पदक उड़न सिख मिल्खा सिंह (Milkha Singh) और पहलवान लीला राम ने दिलाए थे. पहलवान लक्ष्मी कांत पांडे ने रजत पदक जीता था. भारत इससे पहले सिडनी (साल 1938) और वेंकूवर (साल 1954) में कोई पदक नहीं जीत पाया था.
इसके बाद ब्रिटेन में 1970 में स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया गया जिसमें भारत ने 12 पदक जीते थे. इनमें पांच स्वर्ण पदक शामिल हैं. भारत ने अपने पांचों स्वर्ण और तीनों रजत पदक कुश्ती में जीते थे. भारत की तरफ से तब पहलवान वेद प्रकाश, सुदेश कुमार, उदय चंद, मुख्तियार सिंह और हरिश्चंद्र बिराजदार ने सोने के तमगे हासिल किए थे.
एडिनबर्ग में ही 1986 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया गया था जिनमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया था. इसके बाद मैनचेस्टर में 2002 में ब्रिटिश धरती पर राष्ट्रमंडल खेल खेले गए और भारत ने तब अपना उस समय तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.
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मैनचेस्टर 2002 में भारत 30 स्वर्ण पदक सहित कुल 69 पदक जीतने में सफल रहा था. भारत ने तब ऑस्ट्रेलिया, मेजबान इंग्लैंड और कनाडा के बाद चौथा स्थान हासिल किया था.
भारत ने मैनचेस्टर में 14 स्वर्ण पदक निशानेबाजी में जीते थे लेकिन बर्मिंघम 2022 में इस खेल (Birmingham Commonwealth Games) को शामिल नहीं किया गया है जिसका भारत को सबसे अधिक नुकसान होगा. मैनचेस्टर में ही भारतीय महिला हॉकी टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को 3-2 से हराकर सोने का तमगा जीतकर इतिहास रचा था.
भारत ने पहली बार 2010 में नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी जिसमें उसने 38 स्वर्ण पदक सहित 101 पदक जीते थे लेकिन इसके चार साल बाद ग्लासगो खेलों में वह इस प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहा था.
ग्लास्गो 2014 में भारत ने 15 स्वर्ण पदक सहित 64 पदक अपने नाम किए थे और वह पांचवें स्थान पर रहा था. भारत ने तब कुश्ती में पांच, निशानेबाजी में चार, भारोत्तोलन में तीन तथा बैडमिंटन, एथलेटिक्स और स्क्वाश में एक एक स्वर्ण पदक हासिल किया था.
राष्ट्रमंडल खेल 28 जुलाई से बर्मिंघम में शुरू हो रहे है. इसमें भारत के कुल 215 खिलाड़ी 19 खेलों की 141 स्पर्धाओं में भाग लेंगे.
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