बाकू में भारत के युवा उभरते सितारे प्रज्ञानंद और पांच बार के और वर्तमान विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसेन के बीच खेले जा रहे फिडे विश्व कप शतरंज फाइनल की दूसरी बाजी भी ड्रॉ छूटी. बहुत ही रोमांचक में एक घंटे से थोड़ा ज्यादा देर तक खिंची बाजी में दोनों ही खिलाड़ी 30 चालों के बाद ड्रा के लिए राजी हो गए. अब दोनों ही ही खिलाड़ियों के बीच तीसरी बाजी शुक्रवार को टाई-ब्रेकर के तहत खेली जाएगी, जिसमें खेल को नियंत्रित करने के लिए ही दोनों को कम समय मिलेगा.
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दूसरे गेम में प्रज्ञानंद सफेद मोहरों के साथ खेले रहे थे. और खेल की शुरुआत में वह कार्लसन से काफी आगे थे, लेकिन वह इस फायदे को बरकरार नहीं रख सके. और खेल समाप्त होते-होते परेशानी में आ गए, लेकिन अच्छी बात यह रही कि प्रज्ञानंद ने दूसरी बाजी में भी विश्व चैंपियन को ड्रा खेलने पर मजबूर कर दिया.
कार्लसन ने सफेद मोहरों से प्रज्ञानानंदा के खिलाफ ठोस प्रदर्शन किया. भारतीय खिलाड़ी को हालांकि काले मोहरों से खेलते हुए किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और दोनों खिलाड़ी 30 चाल के बाद मुकाबले को ड्रा करने पर राजी हो गए. मंगलवार को पहली बाजी भी चार घंटे से अधिक खेल और 70 से अधिक चाल के बाद ड्रा रही थी.
भारत के 18 साल के प्रज्ञानंद ने सोमवार को सेमीफाइनल में टाईब्रेक के जरिए दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को हराया था और फाइनल में जगह बनाई थी. प्रज्ञानंद इसके साथ ही महान बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने. इससे पहले वीरवार को भी दोनों के बीच खेली गई पहली बाजी 35 चालों के बाद ड्रा छूटी थी, लेकिन यह लंबी चली थी क्योंकि काले मोहरों के साथ खेल रहे कार्लसन जीत के लिए गए थे, लेकिन प्रज्ञानंद ने उनकी कामना पूरी नहीं होने दी.