Tokyo Olympics: भारतीय तलवारबाज भवानी देवी (Bhavani Devi) ने अपने ओलंपिक पदार्पण पर आत्मविश्वास भरी शुरुआत की थी और सोमवार को यहां टोक्यो खेलों में महिलाओं की व्यक्तिगत साबरे स्पर्धा में ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी को 15-3 से हराकर दूसरे दौर में प्रवेश किया लेकिन इसके बाद अगले राउंड में उन्हें फ्रांस की खिलाड़ी से हार का सामना करना पड़ा है. जिसके कारण उनका सफर टोक्यो ओलंपिक में समाप्त हो गया है. बता दें कि चेन्नई की रहने वाली भवानी देवी ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज हैं. भले ही टोक्यो में उनका सफर खत्म हो गया लेकिन हार के बाद भी उन्होंने फेंसिंग में भवानी ने इतिहास रचा है. ओलंपिक में तलवारबाजी का मैच जीतने वाली भवानी देवी भारत की पहली एथलीट बन गई हैं.
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दूसरे राउंड में भवानी देवी को फ्रांस की वर्ल्ड नंबर तीन मैनन ब्रुनेट ने कड़ी टक्कर दी और आखिर में 7-15 से हार का सामना करना पड़ा. दोनों के बीच यह मुकाबला 09 मिनट 42 सेकंड. भले ही भवानी टोक्यों में ज्यादा दूर तक नहीं जा पाईं हों लेकिन ओलंपिक में मैच जीतकर उन्होंने वो कारनामा कर दिखाया है जिसकी चर्चा सालों-साल होगी.
पहले राउंड में मिली थी जीत (Olympics Fencing Match)
ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज भवानी ने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया. उन्होंने अजीजी के खुले ‘स्टांस' का फायदा उठाया. इससे उन्हें अंक बनाने में मदद मिली. सत्ताईस वर्षीय भवानी ने तीन मिनट के पहले पीरियड में एक भी अंक नहीं गंवाया और 8-0 की मजबूत बढ़त बना ली.
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नादिया ने दूसरे पीरियड में कुछ सुधार किया लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अपनी बढ़त मजबूत करनी जारी रखी तथा छह मिनट 14 सेकेंड में मुकाबला अपने नाम किया. जो भी तलवारबाज पहले 15 अंक हासिल करता है उसे विजेता घोषित किया जाता है. भवानी को अगले दौर में फ्रांस की मैनन ब्रूनेट की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा जो रियो ओलंपिक में सेमीफाइनल में पहुंची थी.