बैंकाक एशियाड स्वर्ण विजेता बॉक्सर डिंकों सिंह कैंसर से लड़ाई में हारे, खेलमंत्री सहित दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि

अपने इलाज के लिए डिंको को खासा संघर्ष करना पड़ा था और दिल्ली में इलाज के लिए डिंको को इंफाल में अपना घर बेचना पड़ा था. यह उनके जीवन का सबसे मुश्किल समय था. जनवरी साल 2017 में सर्जरी कराने के लिए पटियाला में एनआईएस स्थित अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी.

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डिंकों भारतीय मुक्केबाजी इतिहास में अमर रहेंगे
नई दिल्ली:

साल 1998 में बैंकॉक में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय मुक्कबाज डिंको सिंह का वीरवार सुबह निधन हो गया. 42 साल के डिंको पिछले काफी लंबे समये से कैंसर की बीमीरी से जूझ रहे थे और उनका इलाज चल रहा था. खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने डिंको के निधन पर शोक व्यक्त किया है, तो कई मेरीकॉम और एक्टर  फरहान अख्तर सहित कई हस्तियो ने इस दिग्गज खिलाड़ी के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं. डिंकों सिंह को भारत में बॉक्सिंग  को लोकप्रिय बनाने और अगली पीढ़ी को प्रेरणा  देने के रूप में याद किया जाएगा. 

डिंको ने साल 1998 में एशियाड में बॉक्सिंग में भारत के 16 साल के सूखे को खत्म किया था. डिंको को साल 2017 में लीवर कैंसर हो गया था. डिंको को साल 1998 में अर्जुन पुरस्कार और 2013 में पद्मश्री से नवाजा गया था.

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अपने इलाज के लिए डिंको को खासा संघर्ष करना पड़ा था और दिल्ली में इलाज के लिए डिंको को इंफाल में अपना घर बेचना पड़ा था. यह उनके जीवन का सबसे मुश्किल समय था. जनवरी साल 2017 में सर्जरी कराने के लिए पटियाला में एनआईएस स्थित अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी थी. ऐसे में इलाज के लिए पैसे जुटाने में गौतम गंभीर ने डिंको की मदद की थी. 

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पिछले साल डिंको कोविड-19 संक्रमित हो गए थे,  वह इस मात देने में सफल रहे थे, लेकिन डिंको कैंसर पर जीत हासिल नहीं कर सके. डिंकों ने करियर में कई पदक ही नहीं जीते, बल्कि वह मेरीकॉम, सरिता देवी और विजेंदर सिंसह सहित सहित कई मुक्केबाजों के लिए प्रेरणा बने. 

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