Asian Games 2023: एशियन गेम्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल मिल चुका है. भारतीय पुरुष 10 मीटर एयर राइफल टीम ने निशानेबाजी प्रतियोगिता के दूसरे दिन विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ गोल्ड मेडल जीतने में सफलता हासिल की. एशियन गेम्स में पहला गोल्ड मेडल आने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोशल मीडिया मंच X पर रिएक्ट किया और भारतीय निशानेबाजों को बधाई दी. अनुराग ठाकुर जी ने लिखा, "हमारी तिकड़ी का शानदार प्रयास, रुद्रांक्ष पाटिल, ओलंपियन दिव्यांश पंवार और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने 10 मीटर एयर राइफल पुरुष टीम स्पर्धा में भारत के लिए खेलों में पहला गोल्ड मेडल जीत लिया. हमारे #TOPScheme निशानेबाजों ने टीम स्पर्धा में नया एशियाई खेल और विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए 1893.7 का अभूतपूर्व कुल स्कोर दिया है. असाधारण परिशुद्धता और स्थिरता..."
विश्व चैंपियन रुद्रांक्ष पाटिल, ओलंपियन दिव्यांश पंवार और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर की तिकड़ी ने क्वालीफिकेशन दौर में 1893.7 के कुल स्कोर के साथ 1893.3 अंक के पिछले विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया.पिछला विश्व रिकॉर्ड एक महीने से भी कम समय पहले चीन की टीम ने अजरबेजान के बाकू में विश्व चैंपियनशिप के दौरान बनाया था. रुद्रांक्ष ने 632.5, तोमर ने 631.6 और पंवार ने 629.6 अंक बनाए. साउथ कोरिया ने कुल 1890.1 अंक के साथ रजत पदक जीता जबकि 1888.2 अंक के साथ कांस्य पदक चीन की झोली में गया.
दरअसल, कुल स्कोर का पिछला विश्व रिकॉर्ड 1893.3 अंक का था जिसे एक महीने से भी कम समय पहले चीन की टीम ने अजरबेजान के बाकू में विश्व चैंपियनशिप के दौरान बनाया था. साफथ कोरिया ने कुल 1890.1 अंक के साथ रजत पदक जीता जबकि 1888.2 अंक के साथ कांस्य पदक चीन की झोली में गया. भारत के एयर राइफल निशानेबाजों ने दबदबे वाला प्रदर्शन किया. उन्नीस साल के रुद्रांक्ष ने 632.5, तोमर ने 631.6 और दिव्यांश ने 629.6 अंक बनाए. रुद्रांक्ष और तोमर ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में भी जगह सुनिश्चित की. भारत के तीनों निशानेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया, दिव्यांश हालांकि निराश होंगे क्योंकि वह एशियाई खेलों के उस नियम के कारण फाइनल में जगह नहीं बना पाए जिसके तहत एक देश के सिर्फ दो निशानेबाजों को ही फाइनल में जगह मिल सकती है.
रुद्रांक्ष क्वालीफिकेशन में तीसरे और तोमर पांचवें स्थान पर रहे। दिव्यांश आठवें स्थान पर रहे और अगर यह विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप या और कोई महाद्वीपीय प्रतियोगिता होती तो तीनों भारतीय निशानेबाज फाइनल में जगह बनाते. इस नियम का फायदा कजाखस्तान के इस्लाम सातपायेव को मिला जिन्होंने नौवें स्थान पर रहने के बावजूद दिव्यांश की जगह फाइनल में जगह बनाई.