भारतीय दल ने एशियाई खेलों में सौ पदक पूरे कर लिए, जब महिला कबड्डी टीम ने चीनी ताइपै को शनिवार को रोमांचक फाइनल में 26-25 से हराकर स्वर्ण पदक मुकाबला जीत गई. भारत ने एशियाई खेलों में पदकों का शतक लगा लिया है. भारत ने इससे पहले कभी भी एशियाई खेलों में 100 पदक नहीं जीते थे. बीते 72 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भारत ने एशियाई खेलों में 100 पदक जीते हैं. 100वें मेडल पर, भारत के 25 गोल्ड, 35 सिल्वर और 40 कांस्य पदक है. भारत के लिए इस बार तीरंदाजी, शूटिंग और एथलेटिक्स टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. इस बार सबसे अधिक मेडल इन्हीं खेलों में आए हैं. भारत ने अब तक कुल 25 गोल्ड अपने नाम किए है. भारत ने इससे पहले 22 गोल्ड अपने नाम किए थे. इस बार एथलेटिक्स भारत के लिए सबसे बेहतर रहा. एथलेटिक्स में भारत ने 29 मेडल अपने नाम किए. इस दौरान भारत ने 6 गोल्ड, 14 सिल्वर, और 9 कांस्य पदक जीते. इसके अलावा शूटिंग में भारत ने 22 मेडल अपने नाम किए. 7 गोल्ड, 9 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल शूटिंग में आए. घुड़सवारी में भी भारत ने 42 साल बाद पदक अपने नाम किया. इसके अलावा भारतीय टीम ने बैडमिंटन में भी ऐतिहासिक सिल्वर मेडल अपने नाम किया.
PM Modi ने दी बधाई
एशियाई खेलों में भारत के सौ पदक पूरे होने को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वह भारतीय दल का 10 अक्टूबर को स्वागत करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया,"हर अद्भुत प्रदर्शन ने इतिहास रचा और हमारा ह्रदय गर्व से भर दिया. मैं दस अक्टूबर को हमारे एशियाई खेलों के दल का स्वागत करूंगा और खिलाड़ियों से बात करूंगा." उन्होंने कहा कि भारत के लोग रोमांचित हैं कि हमने 100 पदकों की उपलब्धि हासिल की. उन्होंने कहा,"एशियाई खेलों में भारत के लिये महत्वपूर्ण उपलब्धि. मैं हमारे शानदार खिलाड़ियों को बधाई देता हूं जिनके प्रयासों से भारत ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की."
शानिवा को भारत की अनुभवी कंपाउंड तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाई जबकि अदिति स्वामी को कांस्य पदक मिला और इसके साथ ही भारतीय तीरंदाजों ने इन एशियाई खेलों में रिकॉर्ड नौ पदक अपनी झोली में डाल लिये. इससे पहले भारत ने इंचियोन में 2014 में हुए खेलों में तीन पदक जीते थे.
मौजूदा विश्व चैम्पियन अदिति स्वामी ने कांस्य पदक के एकतरफा प्लेआफ मुकाबले में इंडोनेशिया की रातिह जिलिजाती एफ को हराया. बर्लिन में दो महीने पहले विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाली 17 वर्ष की अदिति ने 146 . 140 से जीत दर्ज की. बाद में ज्योति ने दक्षिण कोरिया की सो चाएवोन को 149 -145 से हराकर तीसरा स्वर्ण जीता. वह मिश्रित युगल और महिला टीम वर्ग का स्वर्ण जीत चुकी है.
ज्योति ने कहा,"मेरे पास शब्द नहीं है. इतने जज्बात उमड़ रहे हैं. मुझे सोचने के लिये समय लगेगा." वहीं गुरू और शिष्य के मुकाबले में 21 वर्ष के विश्व चैम्पियन देवताले ने 34 वर्ष के अभिषेक वर्मा को 149-147 से हराया. बर्लिन में विश्व खिताब जीतने वाले देवताले पुरूष टीम और मिश्रित युगल स्वर्ण जीत चुके हैं.
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