भारतीय पुरुष कबड्डी टीम ने एशियाई खेलों के फाइनल मुकाबले में ईरान को हराकर गोल्ड अपने नाम किया. भारतीय टीम ने डिफेंडिंग चैंपियन ईरान को 33-29 से हराकर एशियाई खेलों का खिताब अपने नाम किया. फाइनल मुकाबले में कोई भी टीम कम नजर नहीं आ रही थी और एक समय स्कोर 28-28 के बराबरी पर था. दोनों टीमों के बीच कोई अंतर नहीं दिखाई दे रहा था. लेकिन जब आखिरी का मिनट बचा था, तब काफी ड्रामा देखने को मिला. इस विवाद की जड़ खराब अंपायरिंग थी, जिसके चलते काफी देर तक मुकाबला सस्पेंड भी किया गया. एशियाई खेलों में ऐसा पहली बार था, जब इतनी देर तक मुकाबला सस्पेंड किया गया था.
कब शुरु हुआ विवाद
आखिरी में जब एक मिनट और पांच सेकंड का समय बचा था तब भारतीय कप्तान पवन सहरावत करो या मरो वाली रेड के लिए उतरे. यानि अगर पवन किसी खिलाड़ी को टच किए बिना अपने पाले में आते तो आउट होते. सहरावत बिना छूए लॉबी में (सीमा से बाहर) चले गए. हालाँकि, अमीरहोसैन बस्तामी और तीन अन्य ईरानी डिफेंडर उसे बाहर धकेलने की कोशिश में पवन की ओर दौड़े. इसके बाद ही भ्रम की स्थिति पैदा हुई.
रेफरी ने ईरान को एक एंक दिया और पवन को आउट करार दिया गया. इसके बाद भारत ने रेफरी के फैसले को रिव्यू करने का फैसला लिया. इसके बाद से ही भ्रम की स्थिति पैदा हुई. यह साफ नहीं हुआ कि पवन सहरावत ने सफलता पूर्व टैकल किया था या नहीं. विवाद इस बात को लेकर भी हुआ कि आखिर अंक नए नियम के तहत दिए जाए या पुराने.
नए नियम के अनुसार, सहरावत आउट थे और ईरान को एक अंक मिलना चाहिए था. लेकिन पुराने नियम के अनुसार सहरावत और उनके पीछे आने वाले सभी ईरानी खिलाड़ी आउट थे और उन्हें बाहर जाना था. नए नियम से हिसाब से ईरान को एक अंक मिलता, जबकि पुराने नियम से अनुसार, भारत को चार अंक और ईरान को एक अंक मिलेता. मुकाबला ऐसी स्थिति में था कि अगर भारत को चार अंक मिलते तो गोल्ड टीम इंडिया के खाते में आता.
और हुआ खूब ड्रामा
रेफरी द्वारा शुरुआत में ईरान को अंक दिए जाने से भारतीय खिलाड़ी खुश नजर नहीं आए. रेफरी के फैसले को रिव्यू करने का फैसला लिया गया. लेकिन अंपायर इस फैसले पर नहीं पहुंच पाए कि आखिरी पवन ने टैक्ल किया था नहीं. इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों सहित पूरे भारतीय दल ने ऑन-कोर्ट अंपायर और टीवी अधिकारियों के साथ बहस करना शुरू किया. रिव्यू के दौरना भारत और ईरान के स्टाफ एक दूसरे से बहस करते हुए नजर आए. अंपायर के फैसले से नाखुश भारतीय खिलाड़ी मैट पर ही बैठ गए.
रेफरल और समीक्षा के बाद मैच अधिकारियों ने भारत को चार अंक देने का फैसला किया. लेकिन इसके बाद ईरान के खिलाड़ी मैट पर बैठ गए. इसके बाद फिर फैसला बदला गया और दोनों टीमों को एक-एक अंक दिया गया, लेकिन बात तब भी नहीं बनी. आखिर में फैसला फिर बदला गया और भारत के पक्ष में गया लेकिन ईरान की टीम विरोध में कोर्ट के बीच में बैठ गई.
दोनों टीमों द्वारा काफी बहस हुई जिसके बाद कुछ देर के लिए मैच को निलंबित कर दिया गया. अंत में फैसला नए और पुराने दोनों नियमों के आधार पर किया गया और भारत को तीन और ईरान को एक अंक दिया गया. स्कोरलाइन 31-29 हो गई. बात अगर नियमों की करें तो भारत को चार अंक मिलने थे. भारत ने आखिरकार मुकाबला अपने नाम किया और स्वर्ण पदक के अपने चार साल के इंतजार को समाप्त किया. कबड्डी में लगातार सात स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष टीम को पांच साल पहले जकार्ता में ईरान से सेमीफाइनल में अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा था.
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