निकहत जरीन-मैरी कॉम के बीच अब सब All is Well, जरीन ने मैरी कॉम के बधाई मैसेज पर दिया यह जवाब

शानदार टैलेंट के साथ कड़ी मेहनत पर विश्वास रखने वाली निकहत जरीन ने कहा है कि वो यहां रुकने वाली नहीं है. उनका असली मकसद ओलंपिक गेम्स में गोल्ड जीतना है, जो आज तक कोई भारतीय मुक्केबाज नहीं कर पाया है. 

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निकहत जरीन ने 'दीदी' मैरी कॉम को शुक्रिया कहा
निकहत जरीन ने 'दीदी' मैरी कॉम को शुक्रिया कहा
नई दिल्ली:

युवा बॉक्सर निकहत जरीन ने आईबीए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (World Boxing Championship) में गोल्ड मेडल जीतकर भारतीय महिला मुक्केबाजों की एक खास लिस्ट में जगह बना ली है. वो वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवी भारतीय महिला बॉक्सर हैं. इस्तांबुल में 19 मई को मिली उनकी इस जीत का जश्न पूरा देश मना रहा है. जीत के बाद जरीन (Nikhat Zareen) को प्रधानमंत्री से लेकर उनके फेवरेट एक्टर सलमान खान ने भी बधाई संदेश भेजें. लेकिन एक और मैसेज निकहत जरीन के लिए बेहद खास रहा और वो हैं 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरी कॉम (MC Mary Kom) का. 

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एमसी मैरी कॉम ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "निकहत जरीन तुम्हें गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई. आपके ऐतिहासिक प्रदर्शन से मुझे आप पर गर्व है और भविष्य की योजनाओं के लिए आपको शुभकामनाएं."

इसका रिप्लाई देते हुए निकहत ने सोमवार को ट्विटर पर लिखा है, "आपका बहुत शुक्रिया दीदी, ये मुझे प्रेरित करत है और अच्छा करने और देश का नाम रोशन करने के लिए, जैसे आपने किया है." 

दोनों चैंपियंस के बीच इन शानदार शब्दों के आदान-प्रदान से माना जा सकता है कि अब इनके बीच सब 'All is Well' है. हालांकि इतिहास में ऐसा नहीं रहा है. जरीन हमेशा से ही मैरा कॉम को अपना आदर्श मानते आ रही हैं. लेकिन कुछ साल पहले हुई घटनाओं से दोनों खिलाड़ियों के रिश्तों में खटास घुल गया था. 

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दोनों मुक्केबाजों के रिश्ते कैसे हुए खराब

कुछ साल पहले, जब अधिकारी टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रीय दल के लिए रोस्टर भर रहे थे, वहीं से ये कहानी शुरू हुई थी. मैरी कॉम अपने फॉर्म के टॉप पर चल रही थी. उनकी उपलब्धियों को देखते हुए ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्हें सीधे क्वालिफिकेशन स्पॉट दे दिया गया था.  

जूनिर वर्ग में कई खिताब जीत चुकी युवा जरीन फेडरेशन के इस फैसले से खुश नहीं थी. बिना किसी ट्रायल के दिग्गज मुक्केबाज को ओलंपिक जैसे इवेंट में सीधे क्वालिफिकेशन स्पॉट दे देने वाली बात जरीन के गले नहीं उतर रही थी.

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इसके लिए जरीन ने उस वक्त में खेल मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) को पत्र लिख कर मामले में दखल देने का आग्रह किया. युवा मुक्केबाज ने असंतोष जताते हुए उनसे एक निष्पक्ष ट्रायल करवाने की मांग की. केंद्रीय खेल मंत्री ने जरीन के दावे में एक उचित कारण देखते हुए ये सुनिश्चित किया कि खिलाड़ी को भारतीय रोस्टर में अपना दावा पेश करने का अवसर मिलना चाहिए. इसके बाद एक बाउट को मंजूरी दी गई थी जिसमें जरीन खुद मैरी कॉम से भिड़ेंगी. 

जब निकहत और मैरी कॉम आए आमने-सामने

भारतीय दल की ध्वजवाहक मैरी कॉम युवा मुक्केबाज के इस दावे से खुश नहीं थी, जिसे उन्होंने खुले आम जाहिर किया. उन्होंने जरीन के इस दावे की योग्यता पर सवाल उठाए और तेलंगाना की बॉक्सर पर उनके स्तर पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दे डाली. 

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निकहत की अनुभवहीनता ने उन्हें मणिपुरी दिग्गज के खिलाफ लड़ाई में निराश किया. अनुभवी मैरी कॉम ने शानदार जीत दर्ज कर दोनों मुक्केबाजों के बीच गुणवत्ता के अंतर को सबके सामने लाया. फाइट के बाद मैरी ने जरीन से हाथ मिलाने से भी इनकार कर दिया था.

पहले से चैलेंज पेश करने के बाद इस तरह से राष्ट्रीय स्तर पर हार झेलना युवा एथलीट के लिए बेशक काफी डिमोटिवेटिंग रहा होगा. हार के बाद ऐसा भी समय आया जब जरीन को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आलोचनाओं और ट्रोलिंग का शिकार बनाया गया. 

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अब सब ठीक

लेकिन समय का खेल देखिए, आज निकहत जरीन का नाम हर भारतीय गर्व से ले रहा है. वर्ल्ड चैंपियनशिप की जीत के बाद खुद मैरी कॉम को उन पर गर्व है. शानदार टैलेंट के साथ कड़ी मेहनत पर विश्वास रखने वाली निकहत जरीन ने कहा है कि वो यहां रुकने वाली नहीं है. उनका असली मकसद ओलंपिक गेम्स में गोल्ड जीतना है, जो आज तक कोई भारतीय मुक्केबाज नहीं कर पाया है. 

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