विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने शनिवार को यहां ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के गत विजेता मलेशिया के ली जी जिया को हराकर पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया. इस 20 साल के खिलाड़ी ने सेमीफाइनल के करीबी मुकाबले में जिया को 21-13 12-21 21-19 से हराकर फाइनल में जगह पक्की की. वह इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले देश के तीसरे पुरुष एकल खिलाड़ी है. उनसे पहले प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद ने फाइनल में जगह बनायी थी. इनके अलावा पुरुष वर्ग में 1947 में प्रकाश नाथ भी एक भारतीय खिलाड़ी थे, जो फाइनल में पहुंचे थे.
यह भी पढ़ें: रूस पर खेलों की दुनिया में गाज गिरनी शुरू, फीफा ने इस साल विश्व कप से बाहर किया
लक्ष्य सेन ने पहला गेम बहुत बहुत ही आसानी और एकतरफा तरीके से जीत लिया, जिसमें उनके प्रतिद्वंद्वी जिया कहीं टिक ही नहीं सके. लक्ष्य सेन ने बढ़त बनायी, तो फिर लगातार आगे निकलते ही गए और 21-12 से गेम अपने नाम करके 1-0 के बढ़त बना ली, लेकिन दूसरे गेम में लक्ष्य सेन करीब इसी अंतर से हार गए. मलेशियाई खिलाड़ी ने बहुत ही शानदार तरीके से वापसी की और लक्ष्य को 12-21 से मात देकर मुकाबले को 1-1 से बराबर कर दिया. तीसरे और निर्णायक गेम में गजब की टक्कर हुयी और करीब चरम पर पहुंचे इस गेम में लक्ष्य ने बाजी 21-19 से अपने पक्ष में करते हुए मैच भी जीत लिया.
यह भी पढ़ें: इंस्टाग्राम पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के फॉलोअर्स की संख्या 400 मिलियन के पार, पढ़ें मेस्सी की क्या है स्थिति
बता दें कि भारत के इतिहास में पादुकोण और गोपीचंद इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को जीतने में सफल रहे हैं, महिला वर्ग में साइना नेहवाल 2015 में महिला एकल के फाइनल में पहुंची थीं. लक्ष्य पिछले छह महीने से शानदार लय में चल रहे है. उन्होंने इस साल जनवरी में इंडिया ओपन के रूप में अपना पहला सुपर 500 टूर्नामेंट जीता था और फिर पिछले सप्ताह जर्मन ओपन के उपविजेता रहे थे.
सेन ने मैच के बाद कहा ‘‘ मैं नर्वस था लेकिन सिर्फ मैच के बारे में सोच रहा था. यह ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप सेमीफाइनल था और मन में कई विचार आ रहे थे लेकिन मैने फोकस बनाये रखा. मुझे खुशी है कि मैच जीता और कल भी खेलने को मिलेगा.' पिछले छह महीने से शानदार फॉर्म में चल रहे सेन ने दिसंबर में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था. इसके बाद वह जनवरी में इंडिया ओपन सुपर 500 खिताब जीता और पिछले सप्ताह जर्मन ओपन में उपविजेता रहे थे. सेन ने छह साल पहले इंडिया इंटरनेशनल सीरिज में ली को हराया था. उन्होंने शानदार तकनीक और मानसिक दृढता का परिचय देते हुए इतिहास रचा. दोनों खिलाड़ी एक दूसरे के खेल को बखूबी जानते हैं क्योंकि बेंगलुरू में 2016 में प्रकाश पादुकोण अकादमी में एक्सचेंज कार्यक्रम का हिस्सा रह चुके हैं
VIDEO: IPL के हर मैच में ले सकेंगे 8 बार DRS, इन नियमों में हुए बदलाव