बरसात में बाहर का खाना खा रहे हैं तो सतर्क हो जाएं, मुंबई में पांव पसार रहा है स्वाइन फ्लू

बढ़ते स्वाइन फ्लू पर डॉक्टर्स का कहना है कि बरसात के कारण संक्रमण फैलने का डर रहता है. बाहर में विषाक्त भोजन मिल रहे हैं. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है.

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मुंबई:

महाराष्ट्र के मुंबई समेत कई हिस्सों में स्वाइन फ्लू संक्रमण के मामले देखे जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, प्रत्येक दिन 20-25 मरीज मुबई के कई अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. मॉनसून के प्रकोप के कारण लोग दूषित पानी पी रहे हैं. ऐसे में लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ रहे हैं. स्वाइन फ्लू के अलावा मलेरिया, डेगू, लेप्टो जैसी जलजनित बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल रहे हैं. स्वाइन फ्लू के कारण प्रशासन भी अलर्ट हो चुका है. हालांकि, तमाम वायदों के बावजूद एनडीटीवी की टीम मुबई के खाऊं गल्ली इलाके में पहुंची है. आइए यहां की स्थिति को समझते हैं.

पढ़ें पूरी रिपोर्ट

'खाऊं गल्ली' मुंबई का सबसे प्रसिद्ध इलाकों में से एक है. यहां वड़ा पाव, चाय समोसे के अलावे कई व्यंजन मिलते हैं. मुंबईकर बहुत ही चाव से इन व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस इलाके में स्वच्छता का पालन किया जा रहा है? क्या यहां का पानी साफ मिल रहा है. क्या कूड़ेदानों का सही इस्तेमाल हो पा रहा है?

एनडीटीवी की टीम ने जब दुकानदारों से डब्बे वाले पानी के बारे में बातचीत की तो कई मामले सामने आएं. रिपोर्ट के मुताबिक, समोसे का लुत्फ उठाने वाले शख्स ने बताया कि मैं बाहर का पानी नहीं पीता हूं. इससे खतरा है. डब्बे में रखा पानी काफी ज्यादा रिस्की है. मैं अब बोतल वाला पानी पीता हूं.

खाऊं गल्ली के विक्रेताओं का कहना है कि इन डब्बों में रखे गए पानी से लोगो को सिर्फ हाथ धोने दिया जाता है, ना की पीने के लिए. इन डब्बों में रखें पानी के आसपास मच्छर रहने के चलते कई बीमारियां भी पसरती हैं. विक्रेताओं ने बताया कि हम लोगों को सलाह भी देते हैं कि बोतल बंद पानी खरीद कर पीएं. डब्बे वाला पानी हाथ धोने के लिए है.

बढ़ते स्वाइन फ्लू पर डॉक्टर्स का कहना है कि बरसात के कारण संक्रमण फैलने का डर रहता है. बाहर में विषाक्त भोजन मिल रहे हैं. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है.

बॉम्बे अस्पताल के डॉक्टर गौतम भंसाली का कहन है कि बरसात के चलते बाहर का खाने से स्वाइन फ्लू के मरीज बढ़ते जा रहे है, जिसे देखते हुए अब लोगों को सावधानी बरतनी होगी. हर बार की तरह इस बार भी जुलाई-अगस्त के महीने में इंफेक्शन बढ़ जाते हैं और सीजनल बीमारियां यानी वायरल डिजीज के केसेस भी बढ़ाते हैं. ऐसे में इस बार स्वाइन फ्लू के केसेस बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, कोई कैजुअल्टी नहीं है. हालांकि पेशेंट काफी ज्यादा आ रहे हैं. उन्होंने कहा, जुलाई और अगस्त के महीने में प्रतिदिन प्राइवेट अस्पताल में 20 से 25 स्वाइन फ्लू के मरीज दर्ज किए जा रहे है.

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देखें रिपोर्ट

  1. H1N1 के 600 केसेस
  2. मलेरिया के 228 केसेस
  3. डेंगी के 165
  4. लेप्टोस्पायरोसिस के 52
  5. गैस्ट्रो के 694
  6. हेपेटाइटिस (ए और ई) एंड चिकुंगिनिया के 75 केसेस

स्वाइन फ्लू के लक्षण

डॉ गौतम भंसाली के अनुसार, वहीं स्वाइन फ्लू के लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द शामिल हैं. बच्चों को सांस की तकलीफ, निर्जलीकरण और चिड़चिड़ापन का अनुभव हो सकता है. गर्भवती महिलाओं, बच्चो और बुजुर्गों को स्वाइन फ्लू के गंभीर संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है.

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चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू, मलेरिया और डेंगू, इन सभी बीमारियों के लक्षण एक समान होते हैं. गला खराब, खांसी, बुखार आता है। शिवेरिंग होने लगती है लगभग एक जैसे लक्षण होते हैं. लोगों को जब यह लक्षण महसूस होने लगे तो उन्हें जल्द से जल्द अपने आसपास किसी डॉक्टर को कंसल्ट कर ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए. 5 से 6 दिन नहीं रुकना चाहिए और ना ही कोई घरेलू नुस्खा आजमाना चाहिए.

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प्रशासन अलर्ट

स्वाइन फ्लू डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बीएमसी द्वारा जन जागृति अभियान चलाया जा रहा है. वहीं रियलिटी चेक कर हमने आपको ग्राउंड जीरो से दिखाया कि किस प्रकार डब्बों में रखें पानी के बगल में कूड़ा दान रखने के चलते बीमारियां पसरने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है.

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