मुंबई में अवैध रूप से रह रहे 6 अफगानी नागरिक गिरफ्तार, कुलाबा और धारावी में फर्जी नामों से रह रहे थे

क्राइम ब्रांच को कुछ दिनों पहले गुप्त जानकारी मिली थी कि शहर में कुछ अफगानी नागरिक फर्जी पहचान के साथ रह रहे हैं. इसके बाद क्राइम ब्रांच की यूनिट 1 और यूनिट 5 ने स्वतंत्र टीमें बनाकर जांच शुरू की.

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  • मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुलाबा और धारावी इलाके से छह अफगानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है
  • गिरफ्तार लोगों ने मेडिकल वीज़ा पर भारत आने की बात कबूली, लेकिन वीज़ा खत्म होने के बाद फर्जी पहचान बनाई थी
  • पुलिस जांच में सभी आरोपियों की असली पहचान और उनके अफगानिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों से आने का खुलासा हुआ
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मुंबई:

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुलाबा और धारावी इलाके से 6 अफगानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी नामों और नकली दस्तावेज़ों के जरिए भारत में अवैध रूप से रह रहे थे. क्राइम ब्रांच को कुछ दिनों पहले गुप्त जानकारी मिली थी कि शहर में कुछ अफगानी नागरिक फर्जी पहचान के साथ रह रहे हैं. इसके बाद क्राइम ब्रांच की यूनिट 1 और यूनिट 5 ने स्वतंत्र टीमें बनाकर जांच शुरू की. टीमों ने इलाके में निगरानी रखी और गुप्त सूचना की पुष्टि करने के बाद एक-एक कर सभी आरोपियों को फोर्ट, कुलाबा और धारावी इलाके से पकड़ लिया.

शुरुआती पूछताछ में इन लोगों ने अपने नाम बताए 

  • मोहम्मद रसूल नसोजय खान (24 वर्ष)
  • मोहम्मद जाफर नबीउल्लाह खान (47 वर्ष)
  • अख्तर मोहम्मद जमालुद्दीन (48 वर्ष)
  • झिया उल हक मोहम्मद गौसिया खान (36 वर्ष)
  • अब्दुल मन्नन वाहिद खान (36 वर्ष)
  • असद समसुद्दीन खान (36 वर्ष)

लेकिन जब पुलिस ने तकनीकी जांच और गहराई से पूछताछ की, तो सच्चाई सामने आ गई. सभी आरोपी असल में अफगानिस्तान के नागरिक निकले. उन्होंने कबूल किया कि वे साल 2015, 2017 और 2019 में मेडिकल वीज़ा पर भारत आए थे, लेकिन वीज़ा की अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में फर्जी पहचान के साथ रह रहे थे.

पुलिस जांच में इनकी असली पहचान उजागर हुई 

  • अब्दुल समद हाजी अहमद झाई नौरोजी (47 वर्ष) — दुराही, कंधार, अफगानिस्तान
  • मोहम्मद रसूल कमलुद्दीन खाकसर (24 वर्ष) — नवा काबुल
  • अमील उल्लाह (48 वर्ष) — झाबुल
  • झिया उल हक अहमदी (36 वर्ष) — काबुल
  • मोहम्मद इब्राहिम गजनवी (36 वर्ष) — काबुल
  • असद खान तारा काई (36 वर्ष) — काबुल

पुलिस के मुताबिक, ये सभी लंबे समय से भारत में फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए रह रहे थे. कार्रवाई के बाद सभी को डिटेन कर लिया गया है और अब इन्हें वापस अफगानिस्तान भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है.

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