मुंबई के धारावी के छोटे कारोबारियों को निशाना बनाकर खुद को बीएमसी (BMC) का अधिकारी बताने वाले एक फर्जी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने एक आरोपी को दबोच लिया है, जबकि मुख्य आरोपी दो महिलाएं और एक अन्य शख्स अभी फरार बताए जा रहे हैं. यह मामला तब खुला जब राजीव गांधी नगर में बैग बनाने का काम करने वाले 35 वर्षीय अबिद बिगना शेख ने पुलिस में शिकायत दी. शेख के मुताबिक, उनकी फैक्ट्री अंबेडकर चॉल के पहले माले पर है. उसी दौरान दो महिलाएं दीपाली दीपक दलवी और मेघा सोनवणे वहां पहुंचीं और खुद को बीएमसी की कर्मचारी बताने लगीं.फैक्ट्री के अंदर शेख के बच्चों और उनके भाई के बच्चे खेल रहे थे.
बच्चों को देखकर उन महिलाओं ने तुरंत उन पर बाल श्रम का मामला दर्ज कराने की धमकी दी और दबाव डालकर मौके पर ही ₹25,000 वसूल लिए. बताया जा रहा है कि उसी दिन इस गैंग ने इसी तरह कई छोटे कारोबारियों से पैसे ऐंठे.कुछ देर बाद दीपाली दलवी दोबारा पहुंची. इस बार वह अपने साथी हनुमंता नागप्पा कुर्चिकुर्वे के साथ थी. दोनों ने फिर “सेटलमेंट” के नाम पर बैग की मांग की, और इनकार करने पर दोबारा केस करने की धमकी दी.
लगातार होते आ रहे दबाव से शेख को शक हुआ. उन्होंने आसपास के दुकानदारों और लोगों को बुलाया. भीड़ इकट्ठा होते देख दीपाली और एक अन्य शख्स भाग निकले. लेकिन स्थानीय लोगों ने हनुमंता कुर्चिकुर्वे को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. धारावी पुलिस की डिटेक्शन टीम ने उसे उसके ट्रांजिट कैंप के घर से मंगलवार दोपहर करीब 2.15 बजे गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार, उसके खिलाफ पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है. शेख की शिकायत पर धारावी पुलिस ने दीपाली दीपक दलवी, मेघा सोनवणे, हनुमंता नागप्पा कुर्चिकुर्वे और एक अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, और उगाही के मामलों में केस दर्ज किया है.














