ना राज.. ना उद्धव.. कांग्रेस अकेले लड़ेगी बीएमसी चुनाव- भाई जगताप

भाई जगताप ने आगे कहा कि अब तक कांग्रेस ने कभी राज ठाकरे को शामिल करने की बात नहीं कही है और न ही कभी कहेगी. वो (शिवसेना यूबीटी) अकेले महाविकास अघाड़ी नहीं हैं.

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  • कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी और राज ठाकरे या उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
  • कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं के हैं, नेताओं के नहीं, इसलिए अकेले लड़ना जरूरी.
  • महाविकास अघाड़ी में शिवसेना दो भागों में बंट चुकी है, इसलिए कांग्रेस अब उद्धव ठाकरे के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी.
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मुंबई:

राज ठाकरे के महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल होने की अटकलों के बीच, कांग्रेस ने बीएमसी चुनावों के लिए अपना रुख स्पष्ट किया है. कांग्रेस नेता और पूर्व मुंबई अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा कि कांग्रेस राज ठाकरे से हाथ नहीं मिलाएगी और उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन में भी चुनाव नहीं लड़ेगी. कांग्रेस बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी. भाई जगताप अपने बताया कि हाल ही में महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला के साथ नवगठित समिति की बैठक में इस पर चर्चा हुई और उन्हें सूचित किया गया. 

पार्टी नहीं कार्यकर्ताओं के हैं चुनाव 

भाई जगताप ने कहा, 'नहीं, हम उनके साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे, राज ठाकरे की तो बात ही छोड़िए. हम उद्धवजी के साथ भी चुनाव नहीं लड़ेंगे.. जब मैं मुंबई अध्यक्ष था, तब भी मैंने साफ-साफ कहा था.'  भाई जगताप ने बताया कि हाल ही में हुई राजनीतिक मामलों की बैठक में भी सभी की यही राय थी और सभी ने हमारे महाराष्‍ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला के सामने अपना पक्ष रखा कि ये स्थानीय निकाय चुनाव हैं.

उनका कहना था कि चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं के हैं, नेताओं के नहीं. पार्टी कार्यकर्ता 140 सालों से कांग्रेस का झंडा अपने कंधों पर उठाए हुए हैं. बस एक ही उम्मीद और इच्छा है कि वो भी चुनाव लड़े. इसलिए, यह पार्टी कार्यकर्ताओं की लड़ाई है और उन्हें चुनाव लड़ने दिया जाना चाहिए. इसमें हमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ नहीं जाना चाहिए और राज ठाकरे का तो सवाल ही नहीं उठता. 

कांग्रेस को अकेले ही लड़ना चाहिए 

भाई जगताप ने आगे कहा कि अब तक कांग्रेस ने कभी राज ठाकरे को शामिल करने की बात नहीं कही है और न ही कभी कहेगी. वो (शिवसेना यूबीटी) अकेले महाविकास अघाड़ी नहीं हैं. जब महाविकास अघाड़ी का गठन हुआ था, तब शिवसेना एकजुट थी और उद्धव ठाकरे उनके नेता थे, लेकिन अब दो शिवसेनाएं हैं.

कांग्रेस का रुख स्पष्ट करते हुए जगताप ने कहा कि उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के लिए जो भी फैसला लेते हैं, वह उनका व्यक्तिगत रुख है और उन्हें फैसला लेने का अधिकार है, लेकिन कांग्रेस ऐसा कोई फैसला नहीं लेगी. स्थानीय निकाय चुनावों के लिए, पार्टी की स्थानीय इकाइयां फैसला करेंगी. मुंबई के मामले में, जहां हम स्थानीय इकाई हैं. कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस को अकेले ही लड़ना चाहिए, यही हमारा रुख है, जिसे हमने अपनी राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में पहले ही रखा दिया है. 

उद्धव के नेता का पलटवार 

शिवसेना यूबीटी नेता आनंद दुबे ने भाई जगताप पर पलटवार किया. दुबे ने कहा कि गठबंधन का फैसला वरिष्‍ठ नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और उद्धव ठाकरे लेंगे. हमें चुनौती न दें, हम शिवसेना हैं और पिछले चुनाव में हमने अकेले चुनाव लड़ा था और भाजपा को हराया था. हम अपने गठबंधन सहयोगियों का सम्मान करते हैं लेकिन अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं. 

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