कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो उनके साथ महाराजा जैसा व्यवहार किया जाता था लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद उन्हें सिर्फ 'भाई साहब' होने के स्तर तक कम कर दिया गया है. ग्वालियर शाही परिवार के वंशज सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. सिंधिया को 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था.
यहां धार जिले में पत्रकारों से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे सिंधिया पार्टी छोड़ देंगे. साथ ही सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को भगवा संगठन में अपनी मौजूदा 'स्थिति' के बारे में सोचना चाहिए.
जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी के पूर्व साथी सिंधिया के पाला बदलने और इससे प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने पर उन्हें खेद है, तो राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा, 'निश्चित रूप से, हमें खेद है. हमने उनसे (सिंधिया से) हमें छोड़ने की उम्मीद नहीं की थी.''
दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह (76) ने कहा कि कांग्रेस ने सिंधिया को बहुत कुछ दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं और अर्जुन सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री) उनके पिता (माधवराव सिंधिया) को कांग्रेस में लाए. उन्हें (ज्योतिरादित्य सिंधिया) पूरा सम्मान दिया. पार्टी में उनको बढ़ावा दिया, उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया. एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) का महासचिव बनाया. हमने महाराजा की तरह उनका सम्मान किया. अब भाजपा ने उन्हें सिर्फ भाई साहब बना दिया है इसलिए उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए.''
दिसंबर 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार मार्च 2020 में सिंधिया के प्रति वफादार विधायकों के एक समूह के पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के बाद गिर गई थी. इसके बाद भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी.
मध्य प्रदेश में 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. सिंह कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए बदनावर कस्बे में पहुंचे थे.
कांग्रेस ने 2018 में बदनावर विधानसभा सीट जीती थी लेकिन स्थानीय विधायक राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव 2020 में सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए और भाजपा (जिसने दत्तीगांव को मैदान में उतारा) ने बाद के उपचुनाव में कांग्रेस को हरा दिया. दत्तीगांव प्रदेश की भाजपा सरकार में अब मंत्री हैं.
2019 के पुलवामा आतंकी हमले और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा उठाए गए सवालों का जिक्र करते हुए, कांग्रेस सांसद सिंह ने कहा कि जब उन्होंने अतीत में खुद इस मुद्दे पर बात की थी, तो भाजपा ने उन्हें 'पाकिस्तानी और राष्ट्र-विरोधी' करार दिया था.
उन्होंने इस साल जनवरी में कहा था, ‘‘ 'पुलवामा हमला हुआ. हमारे सीआरपीएफ के चालीस जवान शहीद हो गए. वे क्यों मारे गए? सीआरपीएफ निदेशक ने अनुरोध किया कि यह (पुलवामा) एक संवेदनशील क्षेत्र है और सीआरपीएफ जवानों को विमान के माध्यम से श्रीनगर से दिल्ली भेजा जाना चाहिए, लेकिन मोदी जी ( प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने इससे इनकार किया. उन्होंने मना क्यों किया.''
व्यापमं भर्ती घोटाले के संबंध में की गई टिप्पणियों को लेकर मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा दायर मानहानि के मामले में भोपाल की एक विशेष अदालत द्वारा उनके खिलाफ आरोप तय किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि आरोप लगाना उनका अधिकार है.
बुधवार को धार में एक महिला की हत्या के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने इस अपराध के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.