बुरहानपुर में हाईटेक ड्रोन से बरसाए जाएंगे आंसू गैस के गोले, रखी जाएगी पैनी नज़र

बुरहानपुर जिले में बाढ़ आपदा फण्ड के माध्यम से हाईटेक ड्रोन का निर्माण कराया गया है. जिसका उद्देश्य आपदा के समय फूड पैकेट, शुद्ध पेयजल, मेडिसीन सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
हाईटेक ड्रोन
बुरहानपुर:

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिला प्रशासन द्वारा जिले के लिए बाढ़ आपदा फण्ड के माध्यम से हाईटेक ड्रोन का निर्माण करवाया गया है. इसका उद्देश्य आपदा के समय फूड पैकेट, शुद्ध पेयजल, मेडिसिन सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना है और जरूरत पड़ने पर यह आंसू गैस छोड़ने में भी सक्षम होगा. इतना ही नहीं ये ड्रोन वनक्षेत्र के अंतर्गत अतिक्रमण जैसी गतिविधियों को रोकने में भी मदद करेगा. सोरिंग ऐरोटेक प्रा.लि.कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा हाईटेक ड्रोन का ट्रायल पुलिस लाईन बुरहानपुर में कलेक्टर भव्या मित्तल और पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा की मौजूदगी में किया गया.

बुरहानपुर शहर ताप्ती नदी के किनारे बसा होने से नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में कई संवेदनशील घाट हैं, बारिश के दौरान कई क्षेत्र डूबने की कगार पर आ जाते है. वर्षा ऋतु में नदी में आने वाली बाढ़ और आसपास के क्षेत्र की निगरानी और राहत व्यवस्था दुर्गम स्थलों पर राहत सामग्री पहुंचाने, आपदा के समय लोगों को आपदा स्थल से दूर करने की सूचना और अन्य राहत कार्यां के लिए नई तकनीक का प्रयोग कर आपदा के समय कई लोगों की जान बचाई जा सकती है. जिसके लिए बहुत समय से एक हाईटेक ड्रोन की ज़रूरत थी. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हाईटेक ड्रोन निर्मित करवाया गया है. हाईटेक ड्रोन का उपयोग बाढ़ आपदा के अतिरिक्त जिले में कानून व्यवस्था और असामाजिक गतिविधियों पर निगरानी का काम करने में लाया जा सकता है. 

भीलवाड़ा के बस स्टैंड पर फैला करंट, दो लोगों की मौत

इसमें ड्रोन के जरिये 250-300 मीटर के दायरे में आंसू गैस के गोले गिराए जा सकते हैं. इस ड्रोन तकनीक का सभी पुलिस विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा जल्द ही इस्तेमाल किया जा सकेगा. जानकारी के मुताबिक किसी भी घटना के दौरान उपद्रवियों को काबू करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए इस ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा. इससे सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए जाने वाले कर्मी सुरक्षित रहेंगे, जिन्हें कई बार भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान उनके गुस्से का शिकार होना पड़ता है. यही नहीं ये तकनीक गैर घातक भी है.

Advertisement

किसी भी क्षेत्र में आपदा आने पर उसकी स्थिति का पता लगाने के लिए प्रशासन अब ड्रोन का सहारा लेगा. ड्रोन के माध्यम से वास्तविक स्थिति का पता लगने के बाद प्रशासन आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव और राहत का कार्य करेगा. जिलों के चिन्हित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए मोटरबोट, वुड कटर, सैटेलाइट फोन, प्लेगन लाइट और ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा. इसके साथ ही आगामी चुनाव में संवेदनशील क्षेत्रों में इस ड्रोन का प्रयोग कर असामाजिक तत्वों पर भी निगरानी की जा सकेगी, इस आधुनिक ड्रोन की मदद से जंगलों की हो रही कटाई पर भी रोक लगाई जा सकेगी. उच्च क्षमता वाले इस ड्रोन और सैटेलाइट की मदद से वन माफियाओं पर लगाम कसी जा सकेगी
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Cabinet Portfolio: महाराष्ट्र में विभागों का बंटवारा, देखें 10 बड़े Updates