शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में एम्फोटेरिसिन-बी उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी किया

मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर की एक कंपनी को म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी बनाने का लाइसेंस जारी किया है.

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शिवराज सिंह ने दावा किया कि राज्य में Amphotericin-B इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है
भोपाल:

मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर की एक कंपनी को म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी बनाने का लाइसेंस जारी किया है. प्रदेश के जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति में बताया गया कि मध्यप्रदेश के खाद्य एवं औषधि नियंत्रक ने जबलपुर के उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक निजी क्षेत्र की दवा कंपनी ‘रेवा क्योर लाइफ साइंसेज' को 22 दिसंबर 2021 तक के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के उत्पादन के लिए यह लाइसेंस जारी किया है. 

जबलपुर में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन बनने से सिर्फ जबलपुर ही नहीं, बल्कि समूचे महाकौशल, विंध्य और बुंदेलखंड में ब्लैक फंगस बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए यह दवा आसानी से और अपेक्षाकृत कम कीमत में उपलब्ध हो सकेगी. प्रदेश सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद कुछ लोगों में हो रहे ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इंजेक्शन बनाने की अनुमति पाने वाली ‘रेवा क्योर लाइफ साइंसेस' प्रदेश की दूसरी कंपनी है. प्रदेश में इससे पहले केवल इंदौर की मार्डन लेबोरेटरी को ही यह इंजेक्शन बनाने का लाइसेंस हासिल था. 

इस बीच, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि 12,240 इंजेक्शन की खेप शुक्रवार को इंदौर पहुंची है और दो दिन बाद करीब 17,000 इंजेक्शन और उपलब्ध होगें. उन्होंने बताया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस बीमारी के 1,005 मरीज हैं। इसमें भोपाल में 235, इन्दौर में 428, जबलपुर में 116, सागर में 40, उज्जैन में 85, ग्वालियर में 52, रीवा में 31 देवास में 15, रतलाम में दो और बुरहानपुर में एक मरीज है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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