मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में एक महिला की शिकायत पर बिना जांच के एससी-एसटी का मामला कायम करके कार्रवाई किए जाने और लाकअप में बंद करने से परेशान एक अधेड़ पुजारी ने अपने घर पहुंचकर फांसी लगा ली. इस पर पुजारी के परिजनों के विरोध के बाद पुलिस के टाउन इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया गया है. इस मामले की जांच करेंगे एसडीओपी कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में कोतमा के खोडरी गांव के पुजारी रामेश्वर पांडे ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. पुजारी के परिजनों का आरोप है कि गांव की किसी महिला ने पुजारी के खिलाफ कोतमा थाने में फर्जी शिकायत की थी. इस पर पुलिस ने पुजारी पर मुकदमा कायम करके उनको घंटों तक थाने में रखा और लॉकअप में भी बंद कर दिया. जबकि पुजारी पर जमानती धारा लगी थी.
बाद में शाम को पुजारी को मुचलके पर छोड़ दिया गया. इसके बाद मृतक रामेश्वर पांडे, जिनकी उम्र लगभग 50 वर्ष बताई जा रही है, ने घटना से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली.
पुजारी की मौत के बाद उनके परिजनों और ग्रामीणों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दिया. उन्होंने टीआई पर कार्रवाई की मांग की. परिजनों ने कहा कि फर्जी शिकायत करने वाली महिला के विरुद्ध और थाना प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई हो.
विवाद बढ़ने पर पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया है और मामले की जांच का जिम्मा एसडीओपी (SDOP) को सौंप दिया है. पुजारी के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है.
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