MP में लाचार स्वास्थ्य व्यवस्था : शव को बाइक से ले जाने को मजबूर हुए परिजन, नहीं मिला कोई वाहन

शव को घटनास्थल से पोस्टॉर्मटम तक ले जाने के लिए जब परिजनों को कोई वाहन नहीं मिला तो वो शव को बाइक पर रखकर ले गए.

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एमपी में बाइक से शव ले जाने को मजबूर हुए परिजन
भोपाल:

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी चरमरा चुकि है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृहक्षेत्र में भी शव को ले जाने के लिए वाहन तक नहीं मिल पा रहा है. ताजा मामला सीहोर जिले का है. जहां एक शव को घटनास्थल से पोस्टॉर्मटम तक ले जाने के लिए जब परिजनों को कोई वाहन नहीं मिला तो वो शव को बाइक पर रखकर ले गए. दअरसल, हसीम नाम के एक शख्स की पार्वती नदी में नाहते समय डूबने से मौत हो गई थी. जिसके बाद घटना की सूचना एसडीआरएफ की टीम को दी गई. एसडीआरएफ की 30 सदस्यों की टीम ने काफी मेहनत के बाद शव को ढूंढ़ निकाला और बाद में उसे पीड़ित परिजनों को सौंप दिया.

परिजनों को कहा गया कि वो पहले शव का पोस्टमॉर्टम कराएं. लेकिन घटना स्थल से पोस्टमॉर्टम घर तक ले जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं हो पाने की स्थिति में परिजनों को मजबूरी में शव को बाइक पर उठाकर ले जाना पड़ा. हालांकि, इस घटना को लेकर प्रशासन का कुछ और ही कहना है. प्रशासन ने इस खबर को भ्रामक बताकर जो लिखित स्पष्टीकरण दिया उसमें कालीपीपल से कांग्रेस के स्थानीय विधायक कुणाल चौधरी का नाम लिखा और कहा है कि गाड़ियों की मौजूदगी की तस्दीक उनसे की जा सकती है लेकिन एनडीटीवी से बातचीत में कुणाल ने ना केवल खबर की पुष्टि की बल्कि ये भी कहा कि पूरा प्रशासनिक अमला प्रभारी मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव की आवभगत में लगा था ऐसे में परेशान परिजन बाइक पर शव लेकर गये वो खुद कई घंटों तक रेस्क्यू टीम के साथ शव ढूंढने में लगे थे.

सत्येंद्र सिंह, एसडीएम सुजालपुर, ने कहा कि जिस तरह की खबरे मीडिया में चल रही हैं कि वो सही नहीं है. हमे पहले सूचना मिली थी कि एक युवक नदी में डूबा है. उसकी तलाश के लिए एसडीआरएफ की दो टीमे काम कर रही थीं. एक टीम सुजालपुर की थी और दूसरी सीहोर की. इसी दौरान एक टीम को युवक का शव मिला तो उसे पहले परिजनों को दिखाया गया. इसी दौरान शव मिलने के बाद भावुक परिजनों ने शव को उठाकर बाइक पर रख लिया और वहां से जाने लगे.

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हमारी एसडीआरएफ की टीम के सदस्यों ने उन्हें काफी रोकने की कोशिश की, साथ ही उन्हें समझाया भी कि आप शव को एसडीआरएफ की गाड़ी में रखकर ले जाएं लेकिन परिजन नहीं मानें. शव को घर ले जाने के क्रम में ही किसी ने यह वीडियो बनाया है जो अब वायरल हो रहा है. प्रशासन पीड़ित परिजन की मदद के लिए मौके पर था लेकिन परिजनों ने भावना में आकर प्रशासन की गाड़ी में शव ना ले जाकर अपनी बाइक से ले जाने का फैसला किया.

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