उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए शाम 2 घंटे के लिए द्वार खोले गए. सावन के पहले सोमवार के मौके पर दर्शन के लिए अंदर जाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई और वो एक दूसरे पर चढ़ गए. मंदिर के गेट नंबर 4 से श्रद्धालु सुरक्षा घेरे तो तोड़ते हुए धक्का-मुक्की के साथ अंदर घुसने लगे. वहां बड़ा हादसा होते होते फिर टल गया. भीड़ में बच्चे और महिलाएं नीचे दब गईं, उन्हें चोट भी पहुंची है.
मंदिर को पिछले महीने भी खोला गया था, लेकिन उसके अंदर जाने की मंजूरी केवल उन्हें ही थी, जिन्होंने कम से कम वैक्सीन की एक खुराक ले ली हो या फिर 48 घंटे पुरानी नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होती थी. सुबह 6 से शाम 8 बजे के बीच एक दिन में कुल 3500 श्रद्धालुओं को अंदर जाने की मंजूरी थी. इसके लिए दो-दो घंटे के सात टाइम स्लॉट बना गए थे. इन दो घंटे में केवल 500 लोग ही अंदर जा सकते थे. लेकिन आज उमा भारती और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे वीआईपी अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंदिर पहुंचे. इसके बाद श्रद्धालुओं के साथ-साथ प्रशासन के लिए भी स्थिति और कठिन हो गई.
जिला प्रशासन की लापरवाही और व्यवस्थाओं की पोल खोलता एक और वायरल वीडियो सुबह भी सामने आया था. जिसके बाद कलेक्टर ने रटा रटाया बयान देते हुए कहा था कि सामजिक दूरी का ध्यान रखवाने के लिए कोशिश करेंगे. लेकिन देर शाम फिर हुई लापरवाही देखने को मिली. बता दें, इससे पहले मंदिर में सुबह 6 से 11 बजे के बीच उमा भारती की मौजूदगी में ऐसा ही भयावह माहौल देखने को मिला था. लोग एक दूसरे पर चढ़ते हुए दिख रहे थे. उसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंदिर पहुंचे थे. एक दिन पहले ही मंदिर में इंटेलिजेंस ने एक संदिग्ध युवक को पकड़ा था.
कलेक्टर ने कहा अगले सोमवार के लिए अच्छा प्लान करेंगे . निश्चित रूप से 'फ्री फॉर आल' में कोविड गाइडलाइन का ठीक से पालन नहीं हो पाता है. कलेक्टर ने माना की एक साथ कई लोगों के आने से गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ है.