मध्य प्रदेश के जबलपुर पुलिस और वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के अफसरों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, वेयरहाउस संचालकों पर धमकाने की एक शिकायत विजय नगर थाने में दी गई थी, जिसके बाद पुलिस ने 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है लेकिन हैरानी की बात यह है कि प्राथमिकी में दर्ज किए गए नामों में 8 साल की एक बच्ची का भी नाम है. इस मामले का खुलासा होने के बाद वेयरहाउस संचालकों में नाराजगी है.
दरअसल, यह पूरा मसला शहपुरा ब्लॉक में धान घोटाले के बाद सामने आया है. बीते दिनों शहपुरा वेयरहाउसिंग की सर्चिंग के दौरान एक वेयरहाउस में धान कम मात्रा में मिली थी. इसके बाद वेयरहाउस संचालक के खिलाफ जांच शुरू हो गई लेकिन इस जांच को लेकर संचालकों ने वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
संचालकों का कहना है कि वेयरहाउस का काम केवल धान का संग्रहण करना है. इसके अलावा बाकी तमाम चीजों की जिम्मेदारी वेयरहाउसिंग और जिम्मेदार विभाग की होती है लेकिन इसके बावजूद सर्चिंग के दौरान वेयरहाउस संचालक से बदसलूकी की गई. इस मामले पर वेयरहाउस संचालकों ने हाल ही में वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के अधिकारी से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग उठाई थी लेकिन इस मुलाकात के बाद वेयरहाउसिंग के आरएम ने वेयरहाउस संचालकों पर जान से मारने की धमकी देने और बदसलूकी करने जैसे आरोप लगाते हुए विजय नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई.
इस शिकायत पर पुलिस ने 11 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन इस मामले में 8 साल की एक बच्ची का भी नाम दर्ज कर दिया गया है. मामले में जहां वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन की लापरवाही सामने आ ही रही है, वहीं पुलिस ने भी इस मामले में आंख बंद करके एफआईआर दर्ज कर ली. अब इस मामले पर जिला प्रशासन का कहना है कि पुलिस अपने स्तर पर जांच पड़ताल करेगी. वहीं वेयरहाउस संचालकों का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है. उनके खिलाफ गलत तरीके से एफ आई आर दर्ज की है. जिस बच्ची के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उसके पिता का कहना है कि इस मामले पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.