मध्य प्रदेश में पढ़ सकेंगे दूसरे राज्यों की भाषा, जानें किस-किस भाषा को सीखने का मिलेगा मौका

भोपाल में विचार-विमर्श सत्र के दौरान शिक्षाविदों, विश्वविद्यालय के कुलपतियों, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में इस विषय पर चर्चा हुई.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
मध्य प्रदेश में पढ़ सकेंगे बंगाली, मराठी, तेलुगु, तमिल, गुजराती और पंजाबी
भोपाल:

मध्य प्रदेश के कॉलेजों में अब छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों की भाषाएं भी पढ़ने का मौका मिलने जा रहा है. अब पढ़ाई के सिलेबस में अब बंगाली, मराठी, तेलुगु, तमिल, गुजराती और पंजाबी शामिल होंगी. राजधानी भोपाल में विचार-विमर्श सत्र के दौरान शिक्षाविदों, विश्वविद्यालय के कुलपतियों, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में इस विषय पर चर्चा हुई.

भाषाएं जोड़ती हैं, तोड़ती नहीं...

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अशोकनगर में बोलते हुए कहा, "भाषाएं जोड़ती हैं, तोड़ती नहीं. सभी भारतीय भाषाएं हमारी अपनी हैं. मध्य प्रदेश यूनिवर्सिटी में छात्रों को अब विभिन्न भारतीय भाषाएं सीखने का अवसर मिलेगा. देश का दिल प्रदेश भाषाई विविधता का केंद्र बनेगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लागू होने के बाद, हमारे मुख्यमंत्री देश में सबसे पहले मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा में एनईपी 2020 लागू करने वाले थे."

तमिलनाडु में ट्राई लैंग्वेज फॉर्मूले पर विवाद

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ट्राई लैंग्वेज को लेकर राज्य सरकार और केंद्र के बीच बढ़ते विवाद के बीच तमिलनाडु के राज्यसभा सांसदों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह दक्षिणी राज्य पर हिंदी भाषा थोप रही है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और इसके तहत प्रस्तावित इस फॉर्मूले को लेकर तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच टकराव चल रहा है. गृह मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए, एमडीएमके प्रमुख वाइको ने आरोप लगाया था कि आपदा राहत कोष जारी करने वाला गृह मंत्रालय, राज्य को परेशान कर रहा है.

Featured Video Of The Day
Tej Pratap Yadav ने पिता Lalu Yadav के लिए PM Modi और Amit Shah से क्यों मांगी मदद? | BREAKING | TOP