मध्यप्रदेश में गुना जिले की चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में नाली चोरी हो गई. चौंकिये मत, यकीन कीजिये ऐसा हुआ है. एक किसान ने बाकायदा इसकी शिकायत अपने क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण सिंह के सामने रखी है, सरकार इस मामले में जांच की बात कह रही है. चांचौड़ा में समीक्षा बैठक के दौरान किसान शिवराज मीणा ने विधायक लक्ष्मण सिंह के सामने कहा, 'हमारे गांव में नाली चोरी हो गई, 2019 में हमारे गांव में एक नाली स्वीकृत हुई थी. वर्ष 2020 में उसे बनाने के लिए आया सरकारी पैसा भी बैंक खाते से निकल गया, लेकिन अब तक नाली नहीं बनी है. इससे लग रहा है कि नाली बनने के बाद चोरी हो गई है. पता नहीं कौन चुरा कर ले गया.'
पूर्व मंत्री और चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह की समीक्षा बैठक में देदला गांव के किसान शिवराज सिंह की शिकायत से सब हैरान रह गये. हमारा कैमरा गांव में दौड़ा तो शिकायत सही मिली, पता लगा कि गांव के सुरेश कुमार के मकान से श्मशान घाट की ओर डेढ़ लाख रुपये की लागत से नाली निर्माण की स्वीकृति मिली थी. 22 जनवरी, 2020 को 49,915 रुपये का भुगतान भी हो गया. यानी सरकारी फाइलों में नाली बन तो गई, उसके बाद बस दिख नहीं रही.
शिकायतकर्ता शिवराज मीणा ने कहा हमारे ग्राम पंचायत में नाली चोरी हो गई, चोरी इसलिये क्योंकि 2019 में राशि स्वीकृत हुई 2020 में पैसे निकाल लिये, प्रशासन के अधिकारियों ने बोला हमने पैसे जमा करवा दिये, हमारे गांव में नाली की जरूरत है लेकिन 20 साल से नहीं है.
गुना में नाला तो सीधी जिले के मेंढरा गांव में 20 लाख की लागत से बनी एक किलोमीटर लंबी सड़क रातोंरात गायब हो गई. उप-सरपंच और गांव वाले सड़क गायब होने की पुलिस थाने में शिकायत करने भी पहुंचे. उप-सरपंच रमेश कुमार यादव ने कहा, 'हमारे वार्ड क्रमांक 15 में बड़ी अच्छी रोड बनी थी, रात में उठकर देखा तो पता नहीं कौन ले गया.' सीईओ जनपद एम एल प्रजापति ने कहा, 'लोगों ने आवेदन दिया है, जांच करवाया जाएगा, लिखा है मेरे घर के सामने रोड बनी थी, दूसरे दिन चोरी हो गई.'
सरकार कह रही है दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा, 'मेरे संज्ञान में आप लाये हैं, बहुत गंभीर मामला है, कुछ प्रकरण लोकपाल में चल रहे हैं, अगर विधायक जी शिकायत करेंगे तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.'
ये मामले तब आ रहे हैं जब 15 अगस्त से सरकार केन्द्रीय पंचायती मॉडल का सिटिजन चार्टर लागू करवाने की तैयारी है जिसमें सरपंच और पंचायत सचिवों की भूमिका और बढ़ जाएगी. पंचायतों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये सूचना आयुक्त ने मध्यप्रदेश में कहा है कि पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार की जानकारी और इन मामलों में दोषी पदाधिकारियों को पद से हटाने की कार्रवाई की पूरी सूचना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी. लेकिन जो मामले सामने आ रहे हैं उन्हें देखकर लगता है जरूरत और सख्ती की है.