गौ कैबिनेट (Cow Cabinet) का गठन करने के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार गौशालाओं को चलाने के लिए अतिरिक्त कोष जुटाने के वास्ते सेस (उपकर) लगाने की योजना बना रही है. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने रविवार को यह बात कही. मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते गौ कैबिनेट का गठन किया. मुख्यंमत्री की अध्यक्षता में हुई गौ कैबिनेट की पहली बैठक में गौ आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च सेंटर विकसित करने का भी फैसला किया गया है.
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगर मालवा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार गौशाला को सामाजिक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों की मदद से चलाएगी और अगर अतिरिक्त पूंजी की जरूरत पड़ती है तो गाय सेस के माध्यम से जुटाई जाएगी. चौहान ने रविवार को गौ कल्याण पैनल की पहली बैठक की अध्यक्षता की.
बीजेपी नेता ने कहा, "मैं गौमाता के कल्याण और गौशालाओं के उत्थान के लिए पैसे जुटाने के खातिर कुछ मामूली कर लगाने के बारे में सोच रहा हूं ... क्या यह ठीक है?"
उन्होंने कहा, "हम पहली रोटी गाय को खिलाते थे. इसी तरह आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाते थे. हमारी संस्कृति में पशुओं की चिंता की जाती थी, जो अब विलुप्त हो रही है. लिहाजा हम गायों के खातिर छोटी सी राशि टैक्स के रूप में जनता से चाहते हैं."
रविवार को हुई वर्चुअल मीटिंग में सीएम चौहान और उनकी गौ कैबिनेट के सदस्यों ने गाय आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च सेंटर विकसित करने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री ने कुपोषण को हराने के लिए बच्चों के आहार में अंडे की जगह गाय का दूध देने पर भी जोर दिया.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 नवंबर को राज्य में गौ कैबिनेट बनाने का ऐलान किया, जो राज्य में गौ संरक्षण की दिशा में काम करेगी. चौहान ने कहा था कि इस कैबिनेट के तहत सात विभाग शामिल किए जाएंगे. उन विभागों के नाम हैं- पशुपालन, वन, पंचायत, ग्रामीण विकास, गृह, राजस्व और किसान कल्याण विभाग.