इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव का सामना करने जा रहे मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाए जा रहे पोस्टर अभियान को लेकर डिजिटल पेमेंट कंपनी फ़ोनपे (PhonePe) ने कड़ी चेतावनी जारी की है.
सूबे में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी मशीनरी को सक्रिय किया, तो एक पोस्टर वॉर छिड़ गई. दोनों पार्टियां राज्य की दीवारों को पोस्टरों से पाट रही हैं, जिनमें दूसरे पक्ष के प्रमुख नेताओं की तस्वीरें होती हैं, और साथ ही QR कोड भी मौजूद रहते हैं, जो जनता को जोड़ने के काम आते हैं.
इस अभियान के तहत राज्य के कई हिस्सों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीरों वाले पोस्टर सामने आए हैं. दुकानों में लगे QR कोड सरीखे दिखने वाले पोस्टरों में BJP के मुख्यमंत्री पर काम कराने के बदले कमीशन मांगने का आरोप लगाया गया है. इन पोस्टरों में PhonePe का ब्रांड नाम और लोगो भी छापा गया है.
इस पोस्टर की तस्वीरें कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की हैं, जिन पर लिखा है, "50 फीसदी लाओ, फ़ोन पे काम कराओ... मध्य प्रदेश की जनता जानती है, 50 फीसदी कमीशन लेने वालों को पहचानती है..."
कांग्रेस के इस पोस्टर अभियान को अब PhonePe की ओर से तीखी प्रतिक्रिया मिली है, जिसने अपने लोगो के अनधिकृत उपयोग पर आपत्ति जताई है.
PhonePe ने ट्वीट में कहा, "PhonePe किसी भी तीसरे पक्ष, चाहे वह राजनीतिक हो या गैर-राजनीतिक, द्वारा उसके ब्रांड लोगो के अनधिकृत उपयोग पर आपत्ति जताता है... हम किसी राजनीतिक अभियान या पार्टी से जुड़े नहीं हैं..."
डिजिटल भुगतान कंपनी ने ट्वीट में लिखा, "PhonePe लोगो हमारी कंपनी का एक रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है और PhonePe के बौद्धिक संपदा अधिकारों का अनधिकृत उपयोग कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा... हम विनम्रतापूर्वक @INCMP से हमारे ब्रांड लोगो और रंग वाले पोस्टर और बैनर हटाने का अनुरोध करते हैं..."
मध्य प्रदेश में पोस्टर अभियान बिल्कुल उसी रणनीति का प्रतिबिम्ब है, जो कांग्रेस ने कर्नाटक में आज़माई थी और कामयाबी हासिल की थी. कर्नाटक में भी चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीरों वाले पोस्टर और '40 प्रतिशत सरकार' और 'PayCM' का नारा कांग्रेसी प्रचार अभियान का प्रमुख हिस्सा थे.
कांग्रेस का दावा है कि मध्य प्रदेश में पिछले सप्ताह 'वॉन्टेड कमीशन नाथ' (कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर इशारा) के पोस्टर छापकर BJP ने ही पोस्टर वॉर शुरू किया था. हालांकि BJP ने इन पोस्टरों में किसी भी तरह की शिरकत से इंकार करते हुए इन्हें कांग्रेस की अंदरूनी कलह का नतीजा करार दिया था.