कोविड-19 के कारण पिता को खोने वाली लड़की 15 साल की उम्र में हुई ग्रैजुएट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तनिष्का से एक अप्रैल को भोपाल में मुलाकात की थी, जब वह संयुक्त कमांडर सम्मेलन में हिस्सा लेने मध्यप्रदेश की राजधानी पहुंचे थे.

Advertisement
Read Time: 10 mins
इंदौर:

कोविड-19 के कारण दो साल पहले पिता को खो चुकी इंदौर की तनिष्का सुजीत ने महज 15 साल की उम्र में बीए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर ली है. वह राज्य भर में यह कारनामा करने वाली संभवत: सबसे कम उम्र वाली विद्यार्थी हैं. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि तनिष्का ने बीए (मनोविज्ञान) अंतिम वर्ष की परीक्षा में 74.20 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं.

तनिष्का ने परीक्षा परिणाम के बाद ‘‘पीटीआई-भाषा'' से बातचीत में कहा,‘‘मैं बचपन से चाहती थी कि मैं सबसे कम उम्र में अपनी पढ़ाई पूरी करूं.'' तनिष्का ने बताया कि वह अब ब्रिटेन में कानून की पढ़ाई करेंगी. होनहार छात्रा ने कहा,'मैं आने वाले सालों में भारत के शीर्ष न्यायालय की सबसे कम उम्र वाली मुख्य न्यायाधीश बनना चाहती हूं.'

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तनिष्का से एक अप्रैल को भोपाल में मुलाकात की थी, जब वह संयुक्त कमांडर सम्मेलन में हिस्सा लेने मध्यप्रदेश की राजधानी पहुंचे थे. तनिष्का ने बताया कि करीब 15 मिनट की इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने उनका हौसला बढ़ाया था.

बहरहाल, अपनी अकादमिक उपलब्धियों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाली तनिष्का का सफर कतई आसान नहीं रहा है. तनिष्का की मां अनुभा ने बताया कि उनके पति सुजीत चंद्रन की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण साल 2020 में मौत हो गई थी.

उन्होंने बताया,‘‘जब मेरे पति ने दम तोड़ा, तब मेरी बेटी की 12वीं की परीक्षा चल रही थी और उसके दो पर्चे बाकी थे. लेकिन उसने खुद को संभालते हुए परीक्षा दी और इसमें कामयाब हुई.''

अपने दिवंगत पति की याद और बेटी की अकादमिक उपलब्धि की मिली-जुली भावनाओं में डूबती-उतरातीं अनुभा ने कहा,‘‘मेरी बेटी ने महज 15 साल की उम्र में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की है। उसके पिता आज जहां कहीं होंगे, बेहद खुश हो रहे होंगे.'' 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Israel Hamas War:पश्चिमी एशिया में जंग की लपटें, Gaza के साथ Lebanon में इजरायली हमले|Hamaara Bharat
Topics mentioned in this article