छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं. मतांतरण विरोधी आदिवासियों के जिला मुख्यालय के चर्च में तोड़फोड़ और एसपी सदानंद कुमार पर हमला कर सिर फोड़ने की घटना के बाद से ही नारायणपुर में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं. हालात को स्थायी रखने के लिए आईजी पी. सुंदरराज खुद ही पांच जिले की स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मोर्चा संभाला हुआ है.
सोमवार को हुई घटना के बाद मंगलवार को पूरे नारायणपुर में कर्फ्यू जैसे हालात दिखाई दिए। सभी निजी स्कूल खुले थे लेकिन अभिभावकों ने हालात के भय से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा है. सभी दुकानें भी दोपहर 12 बजे के बाद ही खुलनी शुरू हुई थी. पुलिस बल तैनात होने के बाद भी सड़के सूनी पड़ी थी. नारायणपुर मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायत एड़का तक भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहा. नगर में शांति बहाल करने पुलिस ने दो दिन के अंदर दूसरी बार शांति मार्च निकाला.
बीजेपी नेताओं को पुलिस पहरे में रोक दिया गया, वो कांग्रेस पर आदिवासियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस का कहना है बीजेपी बस्तर में आग लगा रही है. बीजेपी नेता केदार कश्यप ने कहा, 'आदिवासी समाज ऐसा नहीं करता. 10000 के ऊपर लाठीचार्ज किया गया. ये ईसाई मिशनरी के लोग पुलिस को मार रहे हैं. हमारे आदिवासी समाज के ऊपर केस लगा रहे हैं, हम लोग उनसे मिलने जा रहे थे हमें रोका जा रहा है.
नारायणपुर मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायत एड़का, जहां से विवाद की शुरुआत हुई वहां तक भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहा. इलाके में धारा 144 लागू नहीं है लेकिन फिर भी ऐसे हालात हैं कि लोगों को सामूहिक रूप से इकट्ठा होने पर रोक लगा दिया गया है. नगर के सभी चौक-चौराहे पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी और सभी वाहनों की सख्ती से जांच की जा रही है.