भोपाल में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव के आरोप, मगर एक महीने पुरानी FIR से आया मोड़, जानें पूरा मामला

CCTV फुटेज में पथराव दर्ज नहीं मिला और पुलिस को फोन कथित घटना समय के लगभग 30 मिनट बाद आया. ऐसे में पूरी शिकायत की संदिग्ध नजर आ रही है, अधिकारियों ने बताया कि शहर में सुरक्षा व्यवस्थाएं पर्याप्त थीं और करीब 4,000 प्रतिमाओं का विसर्जन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ.

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  • भोपाल में गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर पथराव के आरोप के बाद गौतम नगर थाने का घेराव
  • FIR में अब्दुल हलीम समेत तीन संदिग्धों की पहचान हुई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है
  • जुलूस के दौरान पथराव की घटना CCTV फुटेज और मोबाइल कॉल के अनुसार संदिग्ध लग रही है
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भोपला:

अनंत चतुर्दशी के अगले दिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के आरिफ नगर इलाके में गणेश प्रतिमा के विसर्जन जुलूस पर पथराव के आरोप लगे है. जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने कुछ देर के लिए गौतम नगर थाने का घेराव भी किया. इसी बीच मामले से जुड़ा एक अहम तथ्य सामने आया है, अब्दुल हलीम, जिनका नाम मौजूदा FIR में आरोपियों में है. उन्होंने करीब एक महीने पहले इसी थाने में मौजूदा फरियादी चरण सिंह कुशवाहा के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. पुलिस ने सोमवार देर रात FIR दर्ज कर ली और शुरुआती जांच में 3 संदिग्धों की पहचान होने की बात कही. FIR के बाद हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि थाने के बाहर से शान्तिपूर्वक हट गए. पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि “पूरा मामला जांच में है,” और सब पक्षों से अपील की कि साक्ष्यों की पड़ताल तक संयम रखा जाए.

क्या है मामला

पुलिस के पास इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसके मुताबिक फरियादी चरण सिंह कुशवाहा (33), अध्यक्ष हिन्दू एकता नवयुवक श्री गणेश उत्सव समिति की शिकायत के मुताबिक रात 8 बजे ईस्ट निशातपुरा से जुलूस विसर्जन के लिए निकला. करीब 9:15 बजे जब जुलूस आरिफ नगर गेट नंबर 2 के पास पहुंचा, “अचानक पत्थर गिरने लगे.” शिकायत में यामिन पिता वसीम, अब्दुल हलीम, साहिल उर्फ ‘बच्चा' और “अन्य” के नाम आरोपित किए गए हैं. शिकायत के अनुसार छोटी-बड़ी प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त हुईं और कई समिति सदस्यों ने घटना देखे जाने की गवाही दी. पुलिस के मुताबिक भारतीय दण्ड संहिता (BNS) की धारा 299.196 और 3(5) सहित प्रासंगिक धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है.

शिकायत पर क्यों संदेह

पुलिस सूत्रों ने कहा कि शिकायत में बताई घटनास्थल की लोकेशन शुरुआती तथ्यों से पूरी तरह मेल नहीं खाती. अब तक खंगाले गए CCTV फुटेज में पथराव दर्ज नहीं मिला और पुलिस को फोन कथित घटना समय के लगभग 30 मिनट बाद आया. ऐसे में पूरी शिकायत की संदिग्ध नजर आ रही है, अधिकारियों ने बताया कि शहर में सुरक्षा व्यवस्थाएं पर्याप्त थीं और करीब 4,000 प्रतिमाओं का विसर्जन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. फरियादी चरण सिंह के खिलाफ मौजूदा आरोपी अब्दुल हलीम ने 1 महीने पहले एफआईआर करवाई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि निशातपुरा ओवरब्रिज के पास आधी रात के बीच पुराने टायर उतारते समय भगवान सिंह राजपूत, मोनू कुशवाहा, अभिषेक और चरण कुशवाहा ने ड्राइवर से वाहन की चाबी छीनी, वाहन के आगे खड़े होकर अवरोध किया, गाली-गलौज की और वाहन में आग लगाने व जान से मारने की धमकी दी. उधर पुलिस मामले में घटना स्थल पर जाकर अतिरिक्त CCTV की तलाश/विश्लेषण और जुलूस में शामिल लोगों और स्थानीय निवासियों के बयान दर्ज कर रही है.

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