ठाणे में बीजेपी और शिंदे की शिवसेना में खटपट, अलग-अलग प्रचार, आएगा सियासी भूचाल?

ठाणे नगरपालिका चुनाव से पहले महायुति में दरार की अटकलें तेज हो रही है. इसकी एक वजह ये है कि बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना ने अलग-अलग प्रचार शुरू कर दिया है.

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  • ठाणे नगरपालिका चुनाव से पहले बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) ने अलग-अलग चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है
  • गठबंधन पर विवाद के कारण शिवसेना ने ठाणे में स्वतंत्र रूप से प्रचार करने का निर्णय लिया है
  • बीजेपी ने ठाणे में लगभग 16 स्थानों पर बैनर लगाकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार किया है
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ठाणे:

ठाणे नगरपालिका चुनाव से पहले महायुति में ठन गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना (शिंदे गुट) ने अलग-अलग प्रचार शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि इस तरह के संकेत कई दिनों से मिल रहे थे कि ठाणे को लेकर दोनों दल में बात नहीं बन रही है. गठबंधन को लेकर बार-बार बैठकों के बावजूद कोई ठोस फैसला न निकलने से नाराज होकर शिवसेना ने भी ठाणे में स्वतंत्र रूप से प्रचार शुरू करने करने का फैसला कर लिया है.

बीजेपी और शिंदे की शिवसेना का अलग-अलग प्रचार

उधर, बीजेपी भी यहां अलग से प्रचार शुरू कर चुकी है. गौरतलब है कि ठाणे को एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है. यहां बीजेपी और शिवसेना दोनों में ही खटपट चल रही थी. अब बीजेपी ने भी पूरे शहर में करीब 16 जगहों पर बैनर लगा दिए हैं. उनके बैनर पर 'नमो भारत, नमो ठाणे' का संदेश दिया गया है. इन बैनरों में विकास कार्यों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया गया है.

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क्या दोनों पार्टियों में सीट शेयरिंग पर नहीं बनी बात

माना जा रहा है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच ठाणे में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी, इसलिए दोनों दल अलग-अलग चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. खास बात ये है कि शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर अब तक कोई अंतिम प्रस्ताव नहीं आया है. इसके अलावा चुनाव प्रचार के लिए समय भी सीमित बचा है. यही वजह है कि बीजेपी ने स्वतंत्र रूप से प्रचार शुरू करने का फैसला लिया है.

राज्य में सियासी भूचाल की सुगबुगाहट

अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि बीजेपी के इस कदम पर शिवसेना शिंदे गुट से क्या प्रतिक्रिया आती है. शिवसेना के गढ़ ठाणे में बीजेपी का अकेले चुनाव प्रचार राज्य की सियासत में तूफान भी ला सकता है. माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में राज्य में सियासी हलचल और तेज हो सकती है.

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