महाराष्ट्र में भले ही बीजेपी और शिवसेना (BJP-Shivsena Alliance) मिलकर सरकार चला रहे हों, लेकिन सहयोगी दल कुछ भी करे, ये बीजेपी को मंजूर नहीं. शिवसेना भले ही बीजेपी के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है, लेकिन पार्टी लाइन से हटकर फैसले लेना दोनों के बीच दरार की वजह बन सकती है. भायखला विधायक यामिनी जाधव (Yamini Jadhav Burka Politics) ने भी पिछले हफ्ते कुछ ऐसा कर दिया, जिसके बाद बीजेपी ने अपने गठबंधन के साथी शिवसेना को ही सुना दिया. दरअसल मुंबई में शिवसेना नेता यामिनी जाधव ने पिछले हफ्ते आयोजित एक कार्यक्रम में बुर्के बांटे थे. इसे लेकर महायुति के सहयोगी दल शिव सेना और बीजेपी के बीच विवाद छिड़ गया है.
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बीजेपी इस तरह की राजनीति से सहमत नहीं
मुंबई बीजेपी प्रमुख आशीष शेलार का कहना है कि उनकी पार्टी इस तरह के कार्यक्रम से सहमत नहीं है. वैसे तो यामिनी कुछ भी बाटें, ये उनका विशेषाधिकार है लेकिन तुष्टीकरण की राजनीति बीजेपी को स्वीकार नहीं. भयखला में बड़ी संख्या में मुस्लिम रहते हैं और विधानसभा चुनाव भी केवल कुछ महीने दूर हैं.
बुर्का मुस्लिम महिलाओं के सम्मान का प्रतीक
वहीं शिवसेना विधायक यामिनी का कहना है कि उनका निर्वाचन क्षेत्र महानगरीय है. वहां सभी समुदायों के लोग रहते हैं. वह सिर्फ वही दे रही हैं जो लोग चाहते हैं और बुर्का मुस्लिम महिलाओं के सम्मान का प्रतीक है. आशीष शेलार की बातों से साफ है कि गठबंधन का साथी ही क्यों न हो, पार्टी लाइन के खिलाफ काम करना बीजेपी को किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है.
‘‘तुष्टीकरण की राजनीति'' स्वीकार नहीं
शिवसेना विधायक यामिनी जाधव का एक वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें वह मुस्लिम महिलाओं को बुर्का बांटती दिखाई दे रही थीं. इस पर बीजेपी ने कहा कि यह उनका विशेषाधिकार है, लेकिन वह इस तरह की ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति'' को स्वीकार नहीं करती. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी की विधायक भायखला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, जहां मुस्लिम आबादी काफी है.
शिवसेना विधायक ने बांटे बुर्के
एक वीडियो में यामिनी जाधव बुर्का बांटती दिख रही हैं, जबकि अन्य वीडियो में वह कहती सुनाई दे रही हैं कि बुर्का बांटने का यह काम आने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए नहीं किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अगर विपक्ष को लगता है कि बुर्का, हिजाब बांटना यामिनी जाधव या उनके पति और शिवसेना नेता यशवंत जाधव मुसलमानों का विश्वास जीतने के लिए कर रहे हैं, तो यह कोई राजनीतिक ‘जुमला' नहीं है."
उद्धव गुट को मिला बोलने का मौका
हालांकि बुर्का बांटने पर बीजेपी की प्रतिक्रिया को लेकर यामिनी और यशवंत जाधव दोनों ही प्रतिक्रिया अब तक सामने नहीं आई है. हालांकि बीजेपी मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार का कहना है कि उनकी पार्टी ऐसे कार्यक्रमों के पक्ष में नहीं है.उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक का विशेषाधिकार है कि वह जो चाहे बांटे, लेकिन बीजेपी बुर्का बांटने जैसी तुष्टीकरण की राजनीति को स्वीकार नहीं करती.वहीं उद्धव गुट की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने कहा कि यामिनी जाधव इसलिए निशाने पर हैं क्योंकि वह दलबदलू विधायकों के गुट से हैं, जो दिखावे के लिए हिंदुत्व की बात करते रहते हैं.
कौन हैं यामिनी जाधव?
यामिनी जाधव पहले उद्धव गुट में थीं. लेकिन शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद वह एकनाथ शिंदे की शिवसेना में आ गईं. वह लोकसभा चुनाव में हार गी थीं. उनके अपने इलाके में भी उनको हार का सामना करना पड़ा था. वह अरविंद सावंत से 50 हजार से ज्यादा वोटों से हार गई थीं.