मुंबई में रेलवे पुलिस का बड़ा वसूली रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. इस नेटवर्क को तोड़कर 5 महीने में 13 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं.मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर पैसेंजरों से जबरन वसूली करने वाले रेलवे पुलिसवालों पर गाज गिरी है।.पिछले पांच महीनों में 13 रेलवे पुलिसकर्मी, जिनमें एक सीनियर इंस्पेक्टर भी शामिल है, को सस्पेंड किया गया है.जानकारी के मुताबिक जन से जीआरपी कमिश्नर राकेश कलसागर ने चार्ज संभाला, उसके बाद से ही कार्रवाई तेज हुई और सिर्फ उन्हीं के समय में 7 पुलिसकर्मी, जिनमें सीनियर इंस्पेक्टर भी शामिल है.
कैसे चलता था वसूली का खेल?
सूत्रों के मुताबिक यह रैकेट ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को निशाना बनाता था.खासकर मुंबई सेंट्रल, दादर, कुरला, बांद्रा टर्मिनस, बोरीवली, ठाणे, कल्याण और पनवेल जैसे बड़े स्टेशनों पर यह खेल चलता था. यात्रियों को चेकिंग पॉइंट्स पर रोककर उनके पास मौजूद नकदी या गहनों पर शक जताया जाता.फिर उन्हें प्लेटफॉर्म पर बने जीआरपी रूम में ले जाया जाता, जहां CCTV कैमरे नहीं होते. वहां यात्रियों से कहा जाता कि वे साबित करें कि पैसा या ज्वेलरी उन्हीं की है.
जेल भेजने की धमकी
डराया-धमकाया जाता कि अगर साबित नहीं किया तो सामान सीज होगा और जेल भेज दिया जाएगा. कई मामलों में यात्रियों के साथ मारपीट भी की गई। मजबूरी में यात्रियों को पुलिसवालों को पैसा देकर खुद को छुड़ाना पड़ता था. ज्यादातर पीड़ित लंबी दूरी के यात्री होते हैं, जो पुलिस के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते. इसीलिए वे शिकायत दर्ज नहीं करते और पुलिसवाले यही कमजोरी पकड़कर वसूली करते थे.
इस वसूली रैकेट को लेकर लंबी जांच में कई खुलासे हुए हैं. इसको लेकर तफ्तीश जारी है. माना जा रहा है कि अभी और पुलिसकर्मियों पर इसकी गाज गिर सकती है.