'कातिल' पोर्शे कार वापस लेना चाहता है आरोपी का परिवार, मजिस्ट्रेट कोर्ट से लगाई गुहार

Pune Accident Case: दुर्घटनाग्रस्त कार वापस पाने के लिए नाबालिग आरोपी के परिवार ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में आवेदन किया है. उनकी अर्जी पर 28 अगस्त अगली सुनवाई होगी. उसी दौरान इस पर फैसला आ सकता है कि पोर्शे कार नाबालिग आरोपी के परिवार को कब लौटाई जाएगी.

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दिल्ली:

पुणे का पोर्शे केस तो आपको याद ही होगा. शराब के नशे में धुत एक नाबालिग रईशजादे ने अपनी 2 करोड़ की पोर्शे कार (Pune Porsche Car Accident) से सड़क पर जा रहे दो लोगों की कुचल कर जान ले ली थी. दरअसल हिरासत में लेने के कुछ ही घंटों में आरोपी को जमानत दे दी गई थी, जिसके बाद इस घटना ने खूब तूल पकड़ा था. हालांकि बाद में उस पर फिर से शिकंजा कस गया था. मामले में ताजा अपडेट यह है कि नाबालिग का परिवार उस पोर्शे कार को वापस चाहता है, जिससे उनके बेटे ने दो लोगों की जान ले ली. बिल्डर के परिवार ने उस पोर्शे कार को वापस पाने के लिए आवेदन किया है. कार वापस दिए जाने पर फैसला 28 अगस्त को आएगा.

दुर्घटनाग्रस्त कार वापस पाने के लिए नाबालिग आरोपी  के परिवार ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में आवेदन किया है. उनकी अर्जी पर 28 अगस्त अगली सुनवाई होगी. उसी दौरान इस पर फैसला आ सकता है कि पोर्शे कार नाबालिग आरोपी के परिवार को कब लौटाई जाएगी. घातक दुर्घटना में शामिल नाबालिग के परिवार ने कीमती पोर्शे कार को वापस पाने के लिए जेजेबी के सामने याचिका दायर की है.

क्या था मामला?

पुणे में 19 मई की रात को लग्जरी पोर्शे कार चला रहे नाबालिग ने दो बाइक सवारों को ऐसी टक्कर मारी कि दोनों युवक और युवती की मौत हो गई थी. मामले का आरोपी नाबालिग था. उसकी उम्र महज 17 साल थी. वह एक रईश बिल्डर का बेटा था. वह दोस्तों के साथ 12वीं पास करने का जश्न मनाकर पुणे के एक ब से वापस लौट रहा था.  उसने शराब के नशे में तेज रफ्तार कार से दो बाइक सवार आईटी प्रोफेशनल्स को टक्कर मार दी थी. इस घटना में दोनों की ही मौके पर मौत हो गई थी. 

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आरोपी को किन शर्तों पर मिली थी जमानत?

नाबालिग आरोपी की उम्र 17 साल होने की वजह से मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में गया था. बोर्ड ने हादसे के 15 घंटे के अंदर उसे जमानत दे दी थी. लड़के को बोर्ड ने महज 300 शब्दों का निबंध लिखने और 7500 के दो बॉन्ड भरने समेत कुल 7 शर्तों पर छोड़ दिया था. बाद में उसकी जमानत रद्द की गई और उसे 5 जून तक निगरानी केंद्र में भेजा गया.

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