'पिंजरे में बंद बाघ' से दोस्ती नहीं करना चाहते : महाराष्ट्र BJP चीफ का शिवसेना पर तंज

पाटिल के पिछले बयान से अटकलें तेज हो गई थीं कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिवसेना से हाथ मिलाना चाहती है, जो फिलहाल कांग्रेस और राकांपा के साथ महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज है.

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भाजपा राज्य में आगामी नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने को प्राथमिकता देगी : पाटिल (फाइल फोटो)
पुणे:

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बृहस्पतिवार को ''बाघ से दोस्ती'' वाले अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनकी पार्टी ''पिंजरे में कैद बाघ'' से दोस्ती नहीं करना चाहती. पाटिल ने अपने जन्मदिन के मौके पर यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस बात के भी संकेत दिये कि भाजपा राज्य में आगामी नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने को प्राथमिकता देगी. साल 2022 की शुरुआत में मुंबई, पुणे और अन्य प्रमुख शहरों में नगर निगम चुनाव होने हैं.

पाटिल ने कहा, ''हाल में, मैं एक कार्यक्रम में गया था, जहां वन्यजीव क्षेत्र में काम कर रहे एक स्वयंसेवक ने मुझे बाघ की प्रतिकृति के साथ एक फोटो एलबम उपहार में दिया. मैंने उसके शिष्टाचार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह अच्छा उपहार है और ''हम हमेशा बाघ के दोस्त रहेंगे. हालांकि, मीडिया कर्मियों ने इस बयान को शिवसेना से जोड़ दिया क्योंकि उसका चिन्ह बाघ है. यह सच है कि हम हमेशा से दोस्ती बनाए रखने की कोशिश करते हैं लेकिन, हम ऐसे बाघ से दोस्ती करना पसंद करना चाहेंगे जो जंगल में आजाद हो, पिंजरे में कैद नहीं.''

पाटिल के पिछले बयान से अटकलें तेज हो गई थीं कि भाजपा अपने पुराने सहयोगी शिवसेना से हाथ मिलाना चाहती है, जो फिलहाल कांग्रेस और राकांपा के साथ महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज है. पूर्व मंत्री पाटिल ने राज्य के राजनीतिक दलों को आगामी चुनाव अकेले लड़ने की भी चुनौती दी. 

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वीडियो: महाराष्ट्र में क्या कांग्रेस, NCP और शिवसेना के बीच सब ठीक है?

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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