तीसरे मोर्चे के लिए KCR की उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ बैठक कांग्रेस को नहीं आई रास, कही यह बात..

तेलगांना के सीएम केसीआर ने कहा, '75 साल की आज़ादी के बाद संभावित रूप का विकास देश में नहीं हुआ है. हमें इसके कारण ढूंढना चाहिए. नए संकल्प, नए आशा और नए एजेंडा को लेकर आगे चलने का वक्त आ चुका है. 

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मुंबई:

Maharashtra: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) की ओर से तीसरे मोर्चे को लेकर उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ हुई मुलाकात के बाद कांग्रेस की ओर से एक बयान आया है. कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी के खिलाफ कोई भी राजनैतिक मोर्चा, कांग्रेस के बिना सफल नहीं हो सकता. शिवसेना और एनसीपी भी अब कांग्रेस के साथ लड़ाई लड़ने की बात कर रही है. रविवार को महानगर मुंबई पहुंचे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात के बाद कांग्रेस की यह टिप्‍पणी आई है. बता दें कि KCR यानी के चंद्रशेखर राव लगातार गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी सरकारों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं.तेलगांना के सीएम ने कहा, '75 साल की आज़ादी के बाद संभावित रूप का विकास देश में नहीं हुआ है. हमें इसके कारण ढूंढना चाहिए. नए संकल्प, नए आशा और नए एजेंडा को लेकर आगे चलने का वक्त आ चुका है. 

'निचले स्तर की राजनीति हो रही, बड़े बदलाव के काम करेंगे', उद्धव ठाकरे और केसीआर ने दिए अहम संकेत

तेलंगाना के सीएम की उद्धव और शरद पवार से भेंट को लेकर महाराष्‍ट्र कांग्रेस अध्‍यक्ष नाना पटोले ने कहा, 'अगर केंद्र सरकार को हराना है तो कांग्रेस के सिवाय यह हो नहीं सकता. देश के मौजूदा हालात को बदलने के लिए कांग्रेस समेत दूसरे पार्टियों को साथ आना पड़ेगा और तब ही यह संभव हो पाएगा.' गौरतलब है कि महाराष्ट्र के महाविकास आघाडी सरकार (MVA Government) में शामिल कांग्रेस की पहले से ही अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ कई मुद्दों पर तकरार है. कांग्रेस का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेसी नेताओं के प्रोजेक्ट को सही निधि नहीं दी जाती है. पार्टी  ने इस मुद्दे पर सीएम उद्धव ठाकरे से भी शिकायत की है. एनसीपी और कांग्रेस एक दूसरे के पार्षदों को अपनी पार्टी में शामिल करने में लगी हुई हैं. गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. उधर बृहन्‍नमुंबई म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन (बीएमसी) चुनाव में एनसीपी और शिवसेना साथ में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं जबकि कांग्रेस अलग से चुनाव लड़ने की योजना  बना रही है.

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वैसे, केसीआर के साथ मुलाकात के बाद अब एनसीपी और शिवसेना का कहना है कि उनकी इस लड़ाई में कांग्रेस भी शामिल है. शिवसेना सांसद संजय राउत बोले, 'हमने कभी नहीं कहा कि कांग्रेस के बिना कोई फ्रंट बनेगा. जब यह बात पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कही थी तब शिवसेना पहली पार्टी थी जिसने कहा कि कांग्रेस को भी साथ लेना होगा.' एनसीपी नेता और महाराष्‍ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नबाब मलिक भी बोले, 'पवार साहब (शरद पवार ) ने पहले ही कहा है कि गैर बीजेपी दलों का एक व्यापक मोर्चा बने, इसमें कांग्रेस भी साथ हो और 2024 से पहले लोगों के सामने एक पर्याय रखा जाए. हमें लगता है कि इसी दिशा में यह शुरुआत हई है.' 

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इस बीच बीजेपी नेता और महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि ऐसी बैठकों का बीजेपी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. फडणवीस ने कहा, 'पिछले लोकसभा चुनाव के समय भी कई दल एक साथ आए थे और एक फ्रंट बनाया था लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ. इससे पहले यूपी में भी यह प्रयोग किया गया. सच बात यह है कि तेलंगाना में पिछले लोकसभा में बीजेपी के 4 सीटें आई थीं, इस बार नम्बर एक पर बीजेपी रहेगी.' बता दें, महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों की अहम भूमिका है और किसी भी दल के अलग होने का असर इस सरकार पर पड़ सकता है.यह बात शिवसेना और एनसीपी को पता है और इसलिए अब दोनों पार्टियों की ओर से डैमेज कंट्रोल का काम किया जा रहा है. 

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