औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए के लिए किए किए गए प्रदर्शन के दौरान अफवाह फैलने के बाद मध्य नागपुर में सोमवार को हिंसा भड़क गई. यहां स्थिति इतनी बिगड़ी कि पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. अधिकारियों ने बताया कि हिंसा देर शाम कोतवाली और गणेशपेठ तक कथित रूप से फैल गई.
नागपुर के मध्य इलाके में एक हिंसक घटना में चार गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. पुलिस और प्रशासन के अनुसार, स्थिति अब नियंत्रण में है. महाल क्षेत्र, जो मध्य नागपुर का हिस्सा है और करीब 2-3 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है, वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसके बावजूद, पूरे नागपुर शहर में जनजीवन सामान्य रूप से चल रहा है. पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने एनडीटीवी से बातचीत में लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सोशल मीडिया या व्हाट्सएप पर फैल रही गलत जानकारी से बचें.
कमांडो तैनात, हमलावरों की तलाश
पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल खुद घटनास्थल पर मौजूद हैं. पुलिस फोर्स के साथ-साथ कमांडो और अत्याधुनिक हथियारों से लैस टीमें हमलावरों की तलाश में जुटी हैं. यहां कि संकरी गलियों में भी सर्च ऑपरेशन चल रहा है. अब तक दो संदिग्धों को पकड़ा गया है और 25 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. पथराव करने वालों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस जुटी हुई है.
घायलों की जानकारी: अभी आंकड़े अस्पष्ट
घटना में घायलों की सटीक संख्या और स्थिति के बारे में अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. पुलिस कमिश्नर ने संकेत दिया कि कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं. घायलों के आंकड़ों के लिए और जानकारी का इंतजार है. मध्य नागपुर के अग्रसेन चौराहे से पार्क तक की सड़क के आसपास उपद्रवी गलियों से निकलकर पथराव की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस की पैनी नजर उन पर बनी हुई है.
घटना की जड़: अफवाहों से शुरू हुआ विवाद
यह तनाव सुबह छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के मौके पर शुरू हुआ. विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर एक रैली निकाली और पुतला जलाया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अफवाहें फैलीं. रमजान के पवित्र महीने में इफ्तार के बाद लोग बाहर निकले, जिसके बाद कुछ उपद्रवियों ने नारेबाजी और पथराव शुरू कर दिया. दो समुदाय आमने-सामने आ गए, जिससे स्थिति बिगड़ गई.
पुलिस का कड़ा रुख: लाठीचार्ज और धारा 144 लागू
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. कई निजी वाहनों को निशाना बनाया गया और कूड़े के ढेरों में आग लगा दी गई. फायर ब्रिगेड की टीमों पर भी पथराव हुआ, जिसमें कुछ कर्मचारियों को चोटें आईं. हालात को काबू में करने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है.